डीएनए हिंदी: सहारा समूह के फाउंडर सुब्रत रॉय का 14 नवंबर, 2023 को निधन हो गया. 75 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई की कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में आखिरी सांस ली. सहारा ग्रुप की ओर से बताया गया कि सुब्रत रॉय का कार्डियो अरेस्ट के बाद निधन हो गया. भारत के कारोबारियों की दुनिया में सुबर रॉय का बड़ा नाम था. उन्होंने बिजनेस की शुरूआत मात्र 2000 रुपये से की थी. वह भी उन्होंने अपने दोस्त से उधार लिए थे.
सुब्रत रॉय ने उन 2000 रुपये से नमकीन बेचने का कारोबार शुरू किया था. वह गली-गली स्कूटर पर नमकीन बेचते थे. इन दो हजार के कारोबार से ही उन्होंने 2 लाख करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा किया. एक समय था जब सहाश्री गोरखपुर के बेतियाहाता में एक वकील के घर किराये पर रहते थे. यहीं उनके बच्चों का जन्म हुआ. सहारा ग्रुप का कारोबार फाइनेंस, रियल स्टेट, मीडिया, D2C एफएमसीजी और हॉस्पिटैलिटी समेत अन्य क्षेत्रों तक फैला है.
स्कूटर पर बेचते थे नमकीन
बिहार के अररिया जिले में 10 जून, 1948 को सुब्रत रॉय का जन्म हुआ था. 1978 में उन्होंने 'सहारा इंडिया परिवार' ग्रुप की शुरुआत की थी. उन्होंने इसी साल एक मित्र के साथ गोरखपुर में फाइनेंस कंपनी की शुरुआत की थी. इस कंपनी का ऑफिस सिनेमा रोड पर स्थित था, जो किराये पर लिया गया था. स्थानीय लोग बताते हैं कि सुब्रत रॉय उस दौरान स्कूटर पर नमकीन जैसी खाने-पीने की चीजें बेचते थे. खुद दुकानों पर जाकर सामान पहुंचाते थे और दुकानदारों को छोटी-छोटी सेविंग्स के बारे में समझाते थे.
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1990 के दशक में मीडिया इंडस्ट्री में रखा कदम
सुब्रत रॉय ने कई व्यवसायों का विस्तार किया. 1990 के दशक में उन्होंने पुणे के पास महत्वाकांक्षी एम्बी वैली सिटी परियोजना की शुरुआत की. इसके बाद 1992 में हिंदी भाषा का समाचार पत्र राष्ट्रीय सहारा लॉन्च किया. फिर टीवी के साथ टेलीविजन क्षेत्र में कदम रखा, जिसे बाद में सहारा वन नम दिया गया. साल 2000 में सहारा ग्रुप ने लंदन के ग्रोसवेनर हाउस होटल और न्यूयॉर्क शहर में प्लाजा होटल जैसी प्रतिष्ठित संपत्तियों का अधिग्रहण कर बड़ा नाम कमाया.
2014 में किए गए गिरफ्तार
बिजनेस की दुनिया में अपना बड़ा नाम कमाने वाले सु्ब्रत रॉय ने कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था. साल 2014 में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ विवाद के चलते सहाराश्री को जेल जाना पड़ा था. SEBI ने 2011 में सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) को निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था. सहारा ग्रुप को सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपये करने थे. लेकिन फंड को लौटाने में नाकाब होने पर सुब्रत रॉय को लगभग 2 साल तक दिल्ली के तिहाड़ जेल में बिताने पड़े थे. 2017 में वह पेरोल पर बाहर आ गए थे.
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