DCW से संसद की दहलीज तक, जानें कैसा रहा है स्वाति मालीवाल का सियासी सफर

Written By रईश खान | Updated: Jan 05, 2024, 09:31 PM IST

swati maliwal (file photo)

स्वाति मालीवाल ने 2015 में दिल्ली महिला आयोग की कमान संभाली थी. तब उनके नाम से दिल्ली की जनता भले ही इतनी वाकिफ न हो लेकिन आज वे आम आदमी पार्टी के तेज तर्रार नेताओं में गिनी जाती हैं.

डीएनए हिंदी: आम आदमी पार्टी (AAP) ने आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए तीनों सीटों पर उम्मीदवारों का नाम का ऐलान कर दिया है. राज्यसभा के लिए 19 जनवरी को चुनाव होने हैं. अरविंद केजरीवाल ने अपने मौजूदा राज्यसभा सांसद संजय सिंह और एनडी गुप्ता को दोबारा से राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. वहीं, सुशील गुप्ता की जगह AAP ने दिल्ली महिला आयोग (DWC) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को उम्मीदवार बनाया है. राज्यसभा के लिए नामित होने के बाद मालीवाल ने डीसीडब्ल्यू के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है.

स्वाति मालीवाल पिछले 8 साल से दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष थीं. इस्तीफा देने के दौरान मालीवाल भावुक हो गईं. वह आईटीओ पर विकास भवन स्थित कार्यालय से जाने से पहले अपने सहकर्मियों से गले मिलीं. इस दौरान उनके साथ काम करने वाले सहकर्मी भी मायूस नजर आए. इस पद पर रहते हुए स्वाति मालीवाल ने खूब सुर्खियों बटोरी थीं. महिलाओं से जुड़े मुद्दों को वो काफी सक्रियता से उठाती रहीं. इस दौरान उन्हें कई बार चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा.

स्वाति मालीवाल ने 2015 में दिल्ली महिला आयोग की कमान संभाली थी. तब उनके नाम से दिल्ली की जनता भले ही इतनी वाकिफ न हो लेकिन आज वे आम आदमी पार्टी के तेज तर्रार नेताओं में गिनी जाती हैं. इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोकपाल आंदोलन के लिए बनी 'इंडिया अंगेस्ट करप्शन' की कोर कमेटी की वह सबसे कम उम्र की सदस्य थीं. उस समय इस कमेटी में अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी जैसे बड़े-बड़े नाम शामिल थे. 

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22 साल की उम्र में HCL की नौकरी छोड़ी
15 अक्टूबर 1984 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में जन्मी स्वाति मालीवाल ने JSS एकेडमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन से सूचना प्रौद्योगिकी में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. इससे पहले उन्होंनें एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई की थी. इसके बाद 22 साल की उम्र में अपने करियर के शुरुआत उन्होंने HCL की नौकरी से की. मालीवाल को समाजसेवा से जुड़े काम करने का बहुत शौक था. यही वजह है कि पढ़ाई के दौरान भी वह पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस के साथ काम करने लगीं. कुछ समय बाद वह अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के 'परिवर्तन' NGO में शामिल हो गईं. 

परिवर्तन एनजीओ में काम करते हुए स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल का विश्वास जीता और अन्ना आंदोलन के रास्ते आम आदमी पार्टी में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया. AAP में शामिल होने के बाद उन्हें नवीन जयहिंद से शादी की. नवीन उस दौरान हरियाणा में आम आदमी पार्टी की कमान संभाल रहे थे. लेकिन 2020 में उन्होंने अपने पति नवीन जयहिंद से तलाक ले लिया. स्वाति मालीवाल ने हर बार अलग अंदाज में महिलाओं, बच्चियों पर हो रहे जुर्म और अत्याचारों को खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाई है.

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