डीएनए हिंदी: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव आज राज्यसभा में टेलिकम्यूनिकेशन बिल 2023 को पेश करेंगे. इसे लोकसभा द्वारा पहले ही पास किया जा चुका है. राज्यसभा से भी इसका पास होना तय ही है. नए बिल में कई अहम बदलाव किए जा रहे हैं जो दशकों पुराने नियमों की जगह लेंगे. इस नए बिल के कानून बनते ही टेलीकॉम से जुड़े अपराधों में गंभीर सजा और जुर्माने का प्रावधान हो जाएगा. फर्जी सिम लेने, हैकिंग करने और अन्य अपराधों में गंभीर सजा दी जाएगी. वहीं, जरूरत पड़ने पर सरकार किसी के भी मैसेज या कॉल को ट्रैक भी कर सकेगी. दोनों सदनों से पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाने के बाद यह बिल कानून में बदल जाएगा.
इस नए बिल में सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर कई कदम उठाने की अनुमति हासिल कर ली है. सरकार के मुताबिक, टेलीकम्युनिकेशन के जरिए राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा किया जा सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए मोबाइल कॉल और मैसेज को ट्रैक करने के प्रावधान भी रखे गए हैं. इनके तहत राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में सरकार चाहे तो किसी के भी कॉल या मैसेज को ट्रैक किया जा सकता है.
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मैसेज और कॉल ट्रैक करेगी सरकार
यानी सरकार किसी के मैसेज को इंटरसेप्ट करके पढ़ सकती है. मैसेज के ट्रांसमिशन को रोक सकती है. साथ ही, इमरजेंसी की स्थिति में टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दे सकती है कि वे कोई खास मैसेज सभी यूजर्स को भेजें. इसी से संबंधित ट्रायल भी किए गए थे जिनमें अचानक सभी के फोन बज पड़े थे.
हैकर्स को होगी जेल
इसी बिल में यह प्रावधान भी रखा गया है कि अगर हैकर्स किसी के कॉल या मैसेज को ट्रैक कर सकते हैं तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. किसी के मैसेज को पहली बार बाधित करने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं, दूसरी बार ऐसा करने पर 2 लाख का जुर्माना और 3 साल की जेल हो सकती है.
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क्या हैं इस बिल की बड़ी बातें:-
- 138 साल पुराने भारतीय टेलिग्राफ कानून को रिप्लेस करेगा यह बिल
- TRAI कानून 1997 को भी संशोधित करेगा यह बिल
- फर्जी सिम लेने पर 3 साल की जेल और 50 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान
- टेलिकॉम सर्विसेज की परिभाषा से बाहर रहेंगे OTT, ई-कॉमर्स और ऑनलाइन मैसेजिंग सर्विसेज
- टेलिकॉम लाइसेंसिंग के नियमों में भी आएगी एकरूपता, अलग-अलग लाइसेंस की नहीं होगी जरूरत
- इस नए बिल से स्टारलिंक जैसी विदेशी कंपनियों को हो सकता है फायदा
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