डीएनए हिंदी: थर्ड अंपायर कर रहे हैं जांच... थर्ड अंपायर ने दिया आउट... क्रिकेट देखते हुए ऐसे शब्द अक्सर टकराते हैं. क्रिकेट के बारे में थोड़ा भी जानने वाले दर्शकों ने यह शब्द जरूर सुना होगा. क्रिकेट इतिहास में क्यों इसकी जरूरत कब महसूस की गई और कैसे इसकी शुरुआत हुई, पहला बल्लेबाज कौन था जिसे थर्ड अंपायर ने आउट दिया, ऐसे सभी सवालों के जवाब आप यहां जानिए. थर्ड अंपायर का टीम इंडिया और सचिन तेंदुलकर से भी एक खास कनेक्शन है.
Third Umpire का इतिहास
मैदान पर अंपायर का फैसला सर्वमान्य माना जाता है लेकिन कई बार अंपायर के फैसलों में भी चूक होती है. ऐसी चूक को ही दूर करने के इरादे से थर्ड अंपायर की शुरुआत की गई थी.
यह महसूस किया गया कि अगर मैदान पर अंपायर के फैसले में कोई चूक भी रह जाए तब भी खेल के लिहाज से कोई गलत फैसला न हो. इसके लिए मैदान के बाहर अंपायर होना चाहिए जो आधुनिक तकनीक की मदद से पूरी तरह से सटीक फैसला दे सके. थर्ड अंपायर की शुरुआत एरर फ्री फैसले के उद्देश्य से की गई थी.
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Team India और सचिन तेंदुलकर से क्या है कनेक्शन
थर्ड अंपायर का टीम इंडिया और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से खास कनेक्शन है. श्रीलंका के पूर्व घरेलू क्रिकेटर महिंदा विजयसिंघे ने सबसे पहले थर्ड अंपायर का जिक्र किया था, इसे बाद में क्रिकेट में शामिल किया गया. विजयसिंघे जाने-माने क्रिकेट लेखक और एक्सपर्ट भी हैं.
1992 में दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच डरबन टेस्ट मैच में पहली बार थर्ड अंपायर का नियम लागू किया गया था. क्रिकेट इतिहास में पहला थर्ड अंपायर बनने का रिकॉर्ड कार्ल लिबनबर्ग के नाम दर्ज है. जिस बल्लेबाज को पहली बार थर्ड अंपायर के फैसले के बाद आउट होकर पवेलियन लौटना पड़ा था वह कोई और नहीं महानतम क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ही हैं. दिलचस्प बात है कि भारत और सचिन का नाम क्रिकेट इतिहास में इस वजह से भी जुड़ा है.
कैसे होती है थर्ड अंपायर की नियुक्ति
थर्ड अंपायर का फैसला आज के दौर में बहुत महत्वपूर्ण होता जा रहा है. रन आउट, आउट और डीआरएस के बाद से तो इनकी जिम्मेदारी पहले से ज्यादा बढ़ गई है. थर्ड अंपायर की नियुक्ति आईसीसी का एलीट पैनल करता है. अगर कुछ इमरजेंसी की स्थिति बनती है तो थर्ड अंपायर मैदानी अंपायर की भूमिका भी निभा सकता है.
थर्ड अंपायर के फैसलों में तकनीक के इस्तेमाल की भी बड़ी भूमिका होती है. मैदानी अंपायर से अलग वह बड़े पैनल और रिवर्स मोड, स्लो मोशन वगैरह का इस्तेमाल कर गेंद, बल्ले और बल्लेबाज की हर हरकत का बारीकी से मुआयना कर अपना फैसला देते हैं.
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