डीएनए हिंदी: तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी को आए भूकंप में अब तक 20,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है. इसे पिछले कुछ दशक में पूरी दुनिया में आया सबसे भयानक भूकंप माना जा रहा है. तीन टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराव बिंदु पर बसे तुर्की में भूकंप आना कोई असामान्य बात नहीं है. इसके बावजूद सोशल मीडिया पर इस बार आए भूकंप के पीछे अमेरिकी हाथ होने की एक कॉन्सपिरेसी थ्योरी बेहद वायरल हो रही है. लोग इस भूकंप के लिए अमेरिका को जिम्मेदार मान रहे हैं, जो उनके मुताबिक, नाटो (NATO) में स्वीडन की एंट्री रोकने के कारण तुर्की से बेहद नाराज है. इन लोगों का कहना है कि तुर्की को सजा देने के लिए अमेरिकी ने अपने प्रोजेक्ट HAARP के जरिए कृत्रिम भूकंप पैदा किया है, जिससे तुर्की में तबाही मच गई है. इसके लिए तरह-तरह के वीडियो अपलोड कर अपनी बात साबित करने की कोशिश भी की जा रही है.
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पहले जान लेते हैं प्रोजेक्ट HAARP को और क्या वह ऐसी तबाही मचा सकता है
HAARP (High-frequency Active Auroral Research Program) अलास्का में स्थापित एक अमेरिकी रिसर्च सेंटर है, जो पृथ्वी की सतह से करीब 400 मील ऊपर तक अंतरिक्ष के ठीक किनारे पर मौजूद आयनमंडल को स्टडी करता है. यह आयनमंडल पृथ्वी के मौसम में आने वाले बदलावों के लिए जिम्मेदार होता है. इसी कारण अमेरिका इसकी स्टडी कर रहा है. साल 1990 से चल रहा यह प्रोजेक्ट एक बेहद शक्तिशाली और बेहद हाई फ्रीक्वेंसी वाले ट्रांसमीटर के जरिए यह स्टडी करता है. इसमें आयनमंडल के गुण और व्यवहार की निगरानी रखकर निष्कर्ष पेश किए जाते हैं. इस प्रोजेक्ट के जरिए मौसम में बदलाव किया जा सकता है, ऐसा कोई दस्तावेजी सबूत या दावा कभी सामने नहीं आया है. इस प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिक भी कई बार कह चुके हैं कि HAARP के जरिए मौसम पर कोई कंट्रोल लाना संभव नहीं है. हालांकि अक्टूबर, 2022 से HAARP ने अपनी नई लेबोरेटरी में कुछ खास प्रयोग बड़े पैमाने पर शुरू किए हैं, लेकिन इनसे भी कृत्रिम भूकंप लाने जैसी किसी क्षमता का कोई जिक्र अभी तक सामने नहीं आया है.
सोशल मीडिया पर चल रहे हैं क्या दावे
सोशल मीडिया पर बहुत सारे लोगों ने अलग-अलग तरह के वीडियो पोस्ट किए हैं. इन सभी का दावा है कि ये वीडियो भूकंप के समय के हैं. इन वीडियो में बिजली गिरना, आसमान में आयनमंडल के चमकने जैसी गतिविधियां दिखाई गई हैं. इन्हें पोस्ट करने वालों का दावा है कि भूकंप के दौरान ऐसा होना प्राकृतिक घटना नहीं है बल्कि यह अमेरिका के अपने HAARP वैपन के जरिए कृत्रिम भूकंप पैदा करने के कारण दिखी हैं.
इस कारण भी हो रहा है लोगों को अमेरिका पर शक
अमेरिका पर शक की यह थ्योरी कुछ लोगों ने पोस्ट की, लेकिन अन्य लोग भी तेजी से इस पर यकीन करने लगे हैं. इसका कारण अमेरिका और उसके सहयोगी देशों का पिछले दिनों उठाया एक कदम है, जिससे उस पर शक हो रहा है. दरअसल अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने पिछले दिनों तुर्की में अपने दूतावास बंद कर दिए थे. इसके लिए तुर्की में खराब सुरक्षा व्यवस्था को कारण बताया गया था. लेकिन HAARP के इस्तेमाल का शक जता रहे लोगों का दावा है कि अमेरिका कृत्रिम भूकंप लाना चाहता था, इसलिए जानबूझकर अपने दूतावासों को बंद कर दिया.
पहली बार नहीं जोड़ा गया है भूकंप से HAARP का नाता
यह पहला मौका नहीं है, जब कहीं पर आए भूकंप और HAARP में कनेक्शन जोड़ने की कोशिश की गई है. इससे पहले साल 2010 में ईरान के तत्कालीन राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने पाकिस्तान की बाढ़ के लिए अमेरिका पर HAARP के इस्तेमाल का आरोप लगाया था. साल 2010 में ही वेनेजुएला के तत्कालीन राष्ट्रपति ह्यूगो चावेज ने भी अमेरिका पर टेक्टोनिक हथियार का इस्तेमाल कर हैती में भूकंप लाने का आरोप लगाया था. इनके अलावा साल 2010 में ही चिली में भूकंप व सुनामी, साल 2011 में जापान के फुकुसिमा न्यूक्लियर प्लांट में भूकंप और सुनामी से हादसा और साल 2006 में फिलीपिंस में बड़ी लैंड स्लाइडिंग से 1,000 से ज्यादा लोग मारे जाने का लिंक भी HAARP के इस्तेमाल से ही जोड़ा गया था. यह अलग बात है कि इन दावों को साबित करने के लिए कोई भी देश आज तक साइंटिफिक सबूत नहीं दे पाया है.
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