डीएनए हिंदी: ब्रिटेन (Britain) के प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस (Liz Truss) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. महज 45 दिनों के भीतर उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. लिज़ ट्रस ब्रिटेन के इतिहास में वह सबसे कम समय तक रहने वाली प्रधान मंत्री बन गई हैं.
डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर से दिए गए एक भाषण में उन्होंने कहा कि वह पहले ही ब्रिटेन के किंग से अपने इस्तीफे के बारे में बात कर चुकी हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि जब तक ब्रिटेन को नया प्रधानमंत्री नहीं मिल जाता, वह पद पर बनी रहेंगी.
लिज़ ट्रस का इस्तीफा, स्वेच्छा से नहीं है. उन पर सांसद लगातार इस्तीफे का दबाव बना रहे थे. उनकी आर्थिक नीतियों को लेकर अब लोग सवाल उठा रहे थे. आखिर उन्होंने इस्तीफा ही दे दिया.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री Liz Truss ने पद से दिया इस्तीफा, 45 दिन भी नहीं संभाल पाईं सरकार!
इस्तीफे के बाद क्या बोलीं लिज़ ट्रस?
लिज़ ट्रस ने कहा है कि उन्हें कंजरवेटिव पार्टी ने इस पद के लिए चुना था. हमने एनर्जी बिल और नेशनल इंश्योरेंस में कम टैक्स से संबंधित नियम बनाए. हमने विकास के लिए एक नया नजरिया तय किया, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
लिज़ ट्रस ने कहा मैं मौजूदा स्थिति में उन कार्यों को पूरा नहीं कर सकी, जिसके लिए मुझे कंजरवेटिव पार्टी ने चुना था. मैंने किंग को सूचना दे दी है कि पद से इस्तीफा दे रही हूं. अब मैं कंजरवेटिव पार्टी की नेता नहीं हूं.
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लिज़ ट्रस ने कहा, 'मैंने आज सुबह 1922 कमेटी के अध्यक्ष ग्राहम बैडी से मुलाकात की. हम सहमत हुए कि अगले सप्ताह शीर्ष पद के लिए चुनाव होगा. हम यह तय करेंगे कि वित्तीय योजनाएं सही तरह से लागू हों, देश की आर्थिक सुरक्षा बनी रहे.'
आखिर लिज़ ट्रस को क्यों देना पड़ा इस्तीफा? ये हैं वजहें-
1. बिगड़ी स्थितियों में मिला प्रधानमंत्री पद
जब लिज़ ट्रस ने प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाला, उनका पहले दिन पर क्वीन एलिजाबेथ के अंतिम संस्कार का साया रहा. जब 23 सितंबर को ट्रेजरी सिक्रेटरी क्वासी क्वार्टेंग ने आर्थिक योजनाओं का ऐलान किया तो उसमें कई खामियां नजर आईं. सरकार ने करीब 5,000 करोड़ रुपये के टैक्स कटौती का ऐलान तो किया लेकिन यह साफ नहीं कर पाईं कि इसकी भरपाई कैसे करेंगी.
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2. अमीरों के पक्ष में जाना पड़ा भारी!
कंजर्वेटिव पार्टी के ज्यादातर नेताओं ने कहा कि उनकी नीतियां ब्रिटेन के आर्थिक संकट के बीच अमीरों के पक्ष में हैं. इस फैसले से लोग सहमत नहीं हैं. विपक्षी लेबर पार्टी लगातार सत्तारूढ़ सरकार को घेर रही थी. इस्तेफे की एक वजह यह भी रही.
3. कंजर्वेटिव पार्टी नेता चाहते थे इस्तीफा दें लिज़ ट्रस
कंजर्वेटिव पार्टी के कई नेताओं ने दबाव बनाया था कि लिज़ ट्रस को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. सांसदों ने आरोप लगाया था कि सरकार अव्यवस्थित हो गई है. किसी के पास ठोस योजना नहीं है.
4. जेरेमी हंट के फैसले ने भी बढ़ा दी मुश्किल
वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने सोमवार को सरकार के मिनी-बजट में कटौती कर दी थी. इस कदम से लिज़ ट्रस के नेतृत्व के लिए संकट और बढ़ गया था. यह फैसला भी लिज़ ट्रस के खिलाफ गया.
5. सुएला ब्रेवरमैन के इस्तीफे ने भड़काई बगावत
लिज़ ट्रस की कैबिनेट से एक के बाद एक कैबिनेट मंत्रियों ने इस्तीफा दिया. गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन के पद छोड़ने के बाद राजनीतिक संकट और बढ़ गया. कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों ने इस्तीफे के बाद बगावत कर दिया, जिसके बाद उनका पद पर बने रहना असंभव हो गया.
6. भयानक मंदी को कंट्रोल नहीं कर पाईं लिज़ ट्रस
गोल्डमैन सैक्श ने ब्रिटेन की आर्थिक उड़ान में गिरावट आने का अनुमान जताया था. जिस तरह के फैसले लिज़ ट्रस ले रहीं थीं उसकी वजह से अगले साल भी ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था एक फीसदी तक गिर सकती थी. इसके पहले ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में 0.4 फीसदी गिरावट का अनुमान इस बैंक ने लगाया था. लिज़ ट्रस की आर्थिक नीतियों में स्पष्टता नहीं थी. ब्रिटेन का बॉन्ड बाजार लगाता ढह रहा था. ऐसी स्थिति में ज्यादा दिन तक उनका पद पर बने रह पाना असंभव जैसा हो गया था.
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