US Fed Rate Hike : भारत की इकोनॉमी पर ​पड़ेगा कितना असर, जानिए यहां

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 16, 2022, 01:49 PM IST

US Fed Rate Hike ने भारत की मुश्किलों को बढ़ा दिया है. इस इजाफे की वजह से रुपये में गिरावट के साथ विदेशी निवेशकों का रुझान कम हो जाएगा.

डीएनए हिंदी: यूएस फेड रिजर्व (US Federal Reserve) ने डेमोक्रेटिक सरकार के नेतृत्व में ब्याज दरों में (US Federal Reserve Interest Rate) 28 साल का सबसे बड़ा इजाफा किया है. ताज्जुब की बात तो ये है कि 1994 में जब आखिरी बार .75 फीसदी का इजाफा देखने को मिला था तब भी यूएस में सरकार डेमोक्रैट्स की रही थी, उस समय बिल क्लिंटन राष्ट्रपति थे. वास्तव में यूएस सेंट्रल बैंक ने महंगाई पर काबू पाने के लिए इतना बड़ा इजाफा किया है, जोकि 41 साल के हाई पर है. साथ ही अगले महीने फिर से इसे बढ़ाने की संभावना जता दी है. अब सवाल ये है कि इन ब्याज दरों में बढ़ोतरी (Will the Fed Hike Interest Rates) का असर भारत पर क्या देखने को मिल सकता है. आइए आपको भी बताते हैं. 

विदेशी निवेशकों को होगी परेशानी 
यूएस ने ब्याज दरों में इजाफा किया है जोकि 75 बेसिस प्वाइंट का है. इस इजाफे से भारत और राइजिंग इकोनॉमीज में काफी समस्याएं देखने को मिल सकती है. इससे विदेशी निवेशक अपना रुपया वापस खींचेगें और डॉलर के मुकाबले रुपया और नीचे की ओर चला जाएगा. इंटरनेशनल फंड मैनेजर्स मौजूदा इंफ्लेशन प्रेशर, बढ़ता करंट अकाउंट डेफिसिएट, करेंसी के गिरने से गिरती मुद्रा और दुनिया के सबसे बड़े बैंक की ओर से ब्याज दरों में वृद्धि के भारत जैसी जोखिम भरे उभरते मार्केट असेट्स से अपना निवेश निकालने पर मजबूर होंगे. जिससे इकोनॉमी पर चोट लगेगी. 

अमेरिकी फेड ने ब्याज दरों में किया 28 साल बाद सबसे बड़ा इजाफा 

रुपये में गिरावट 
जब भी अमेरिका में महंगाई बढ़ती है तो डॉलर की स्थिति काफी मजबूत होती है. वैसे भारत एक उभरता हुआ और दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ता हुआ बाजार है. उसके बाद भी डॉलर की मौजूदा स्थिति रुपये के मुकाबले काफी मजबूत देखने को मिल रही है. आज भी रुपया इंट्रा डे ट्रेड में 78.28 रुपये के लेवल को पार कर गया है. यह पहली बार है जब रुपया डॉलर के मुकाबले 78 रुपये के पार गया है. जबकि अमेरिका में मई में महंगाई 8.6 फीसदी के साथ रिकॉर्ड लेवल पर आ गई है, जोकि दिसंबी 1981 के बाद पहली बार है. जिसकी वजह से फेड ने अपने आपको और ज्यादा आक्रामक बना दिया है. 

एफपीओ का आउटफ्लो रह सकता है जारी 
प्रमुख डेट फंड मैनेजर के अनुसार, एफपीआई का आउटफ्लो कुछ और महीनों तक जारी रह सकता है. यह आउटफ्लो तब तक जारी रह सकता है जब इस बात का पता नहीं चल जाता कि यूएस फेड यूएस में लिक्विडिटी को मजबूत करने के लिए कितना और आगे बढ़ेगा. फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने सुझाव दिया है कि जुलाई की बैठक में 75 बीपीएस की और बढ़ोतरी की जा सकती है. यूएस में रिटेल इंफ्लेशन 41 साल के हाई पर है, फेड ब्याज दरों को बढ़ाने के साथ बांड खरीदना बंद कर दिया है. यहां तक कि फेड ने बांड की बिक्री तक शुरू कर दी है. 

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2022 में विदेशी निवेशकों ने निकाले 2 लाख करोड़ रुपये 
साल 2022 में भारत से नेट एफआईआई फंड का आउटफ्लो 2 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है. सालाना आधार पर यह अब तक का सबसे बड़ा आउटफ्लो है. साल 2018 में 80,917 करोड़ रुपये का आउटफ्लो देखने को मिला था, जो मौजूदा साल में दोगुने से भी अधिक हो गया है. विदेशी निवेशकों की बिकवाली की वजह से शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली है. एफपीआई जून में लगातार नौवें महीने शुद्ध बिकवाली कर रहे हैं. जून के पहले 15 दिनों में एफपीआई ने करीब 25,000 करोड़ रुपये की बिकवाली कर ली है. जबकि अकेले बुधवार को 3531 करोड़ रुपये की बिकवाली देखने को मिली थी. 

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