डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले का पुरोला शहर पिछले दो-तीन दिनों से चर्चा में है. यहां के दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दी हैं और सड़क पर उतर आए हैं. मामला जबरन धर्मांतरण के लिए एक लड़की को भगाने की कोशिश का है. इस घटना के बाद धर्म विशेष के 42 दुकानदारें अपनी दुकानें बंद करके फरार हो गए हैं. प्रदर्शन कर रहे दुकानदारों का आरोप है फरार हुए दुकानदार मिलकर लड़की को भगाने की साजिश कर रहे थे लेकिन रास्ते में ही लड़की को रोक लिया था. अब स्थानीय लोग इस मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
हाल ही में समुदाय विशेष के दो युवक एक स्थानीय दुकानदार की नाबालिग बेटी को भगाने की साजिश रच रहे थे. हालांकि, लड़की को भागने से रोक लिया गया और साजिश का पर्दाफाश हो गया. इसकी खबर फैली तो आसपास के लोग भी इकट्ठा हो गए और पुरोला में प्रदर्शन शुरू हो गए. इस घटना के विरोध में दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं और जमकर नारेबाजी की.
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बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था, पुलिस अलर्ट
दुकानदारों के आक्रोश को देखते हुए भारी पुलिस तैनात किया गया था. इससे पहले, प्रदर्शनकारी दुकानदार एक जुलूस लेकर प्रशासन के पास पहुंचे और उन्होंने एसडीएम देवानंद शर्मा को एक ज्ञापन सौंपा जो राज्यपाल के नाम था. लोगों ने मांग की है कि पुरोला से समुदाय विशेष के दुकानदारों को हटाया जाए. इन लोगों ने कई दुकानों में लगे बोर्ड को भी हटा दिया है.
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स्थानीय दुकानदारों की शिकायत है कि दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को यहां शरण दी जा रही है. स्थानीय व्यापारियों का आरोप है कि ये लोग यहां पर नशीले पदार्थों का व्यापार, चोरी और देह व्यापार जैसी चीजें फैला रहे हैं.
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