डीएनए हिंदी: भारत में परिवहन के क्षेत्र में कई नए आविष्कार, प्रयोग और निर्माण हो रहे हैं. सामान्य ट्रेनों को आधुनिक बनाया जा रहा है, सेमी हाई स्पीड ट्रेन शुरू हो चुकी हैं, रैपिड रेल की शुरुआत होने वाली है और बुलेट ट्रेन का काम चल रहा है. इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए भारत में पुल और पुश ट्रेन चलाने की तैयारी भी हो रही है. इस पर आखिरी फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय को लेना है लेकिन इसकी तैयारियां जोरों पर है. उम्मीद जताई जा रही है कि नवंबर के महीने में बिहार की राजधानी पटना और महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के बीच भारत की पहली पुल-पुश ट्रेन चलाई जा सकती है.
रेलवे का मकसद है कि ज्यादा ट्रैफिक वाले रूट पर ट्रेनों की रफ्तार और क्षमता बढ़ाई जा सके. इसी के लिए पुल और पुश ट्रेनों पर विचार किया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, पुल और पुश ट्रेनों के कोच इसी महीने बनकर तैयार भी हो जाएंगे. ये ट्रेन कब और कहां से कहां तक चलाई जाएंगी इसके बारे में अंतिम फैसला अभी नहीं लिया गया है. इन ट्रेनों की अधिकतम स्पीड लगभग 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी. आइए इसके बारे में विस्तार से समझते हैं...
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क्या है पुल और पुश ट्रेन?
इस ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें एक नहीं दो इंजन लगाए जाएंगे. एक इंजन आगे और एक इंजन पीछे होगा. ट्रेन में जनरल और स्लीपर क्लास के कुल 22 कोच लगाए जाएंगे. शुरुआत में यह ट्रेन नॉन-एसी ही होगी. इसके लिए, पश्चिम बंगाल के चितरंजन लोकोमोटिव वर्क में स्पेशल कोच भी तैयार किए गए हैं. डबल इंजन वाली इस ट्रेन में एक समय पर एक ही इंजन चालू होगा और इसे एक ही ड्राइवर या ऑपरेटर चलाएगा.
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पुल और पुश टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से ट्रेन की रफ्तार को तेजी से बढ़ाया और घटाया जा सकेगा. रेलवे का कहना है कि इससे ट्रेन की औसत स्पीड 10 से 15 फीसदी बढ़ जाएगी. यही वजह है कि कुछ रूट पर यह ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस से भी जल्दी पहुंच जाएगी. इस ट्रेन का नाम वंदे जनसाधारण रखा जा सकता है.
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