डीएनए हिंदीः कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) का दिल्ली के एम्स (AIIMS) अस्पताल में इलाज चल रहा है. उनकी हालात लगातार बिगड़ती जा रही है. डॉक्टरों के मुताबिक वह ब्रेन डेड की स्थिति में पहुंच गए हैं. उनके दिल ने भी काम करना बंद कर दिया है. राजू श्रीवास्तव से मिलने उनके परिवार के लोग और दोस्त अस्पताल पहुंचे रहे हैं. आखिर ब्रेन डेड की स्थिति क्या होती है? क्या ब्रेन डेड में इंसान को मरा हुआ मान लिया जाता है या वह फिर पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है. विस्तार से समझते हैं.
क्या होता है ब्रेन डेड?
दरअसल ब्रेन डेड उस स्थिति को कहा जाता है जब दिमाग पूरी तरह काम करना बंद कर देता है. हालांकि ब्रेन डेड होने के बाद भी इंसान का दिल काम करता रहता है. ब्रेन डेड में इंसान के शरीर की वो सभी गतिविधियां काम करना बंद कर देती हैं जो दिमाग से संचालित होती हैं. इस स्थिति में बॉडी मूवमेंट, आंखों की पुतलियों का रेस्पॉन्स ना देना आदि. हालांकि शरीर के बाकी अंग हार्ट, लीवर और किडनी आदि पूरी तरह काम करते हैं. जब कोई इंसान ब्रेन डेड हो जाता है तो वह सांस नहीं ले पाता है. उसे वेंटिलेटर पर रखा जाता है. आम भाषा में समझें तो इंसान जिंदा तो होता है लेकिन उसे ना कुछ दिखाई देता है और ना सुनाई देता है. वह ना बोल सकता है और ना शरीर के किसी भी अंग को कोई निर्देश दे सकता है.
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ब्रेन डेड का क्या मतलब?
किसी इंसान के ब्रेन डेड होने पर उसे कानूनी रूप से मरा हुआ मान लिया जाता है. अगर कोई इंसान ब्रेन डेड हो जाता है तो उसका मृत्यु प्रमाण पत्र (डेथ सर्टिफिकेट) ब्रेन डेड वाली तारीख को ही जारी किया जाएगा. भले ही उसकी सांसें एक दो दिन और चलती रहें. अगर कोई इंसान ब्रेन डेड हो जाए तो उसके बचने की संभावना काफी कम होती है. कोई चमत्कार ही उन्हें बचा सकता है. ब्रेन डेड होने के कुछ घंटों में ही इंसान की मौत हो जाती है. कुछ मामलों में ऐसे लोग कुछ दिनों तक भी जिंदा रहे हैं.
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क्यों होता है ब्रेन डेड?
ब्रेन डेड में इंसान के मस्तिष्क में रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है. ऐसे स्थिति कई कारणों से आ सकती है. स्ट्रोक, दिल का दौरा, या सिर पर लगी चोट के कारण जब मस्तिष्क की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. ऐसे में दिमाग की कोशिकाएं दोबारा उत्पन्न नहीं होती हैं. वह व्यक्ति ब्रेन डेड हो जाता है. दिमाग में सूजन बढ़ने लगती है और दिमाग पूरी तरह काम करना बंद कर देता है.
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