डीएनए हिंदी: नए साल की शुरुआत में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अहम रणनीतिक बदलाव करने जा रहा है. एशिया कप और T20 दोनों के फाइनल मुकाबले तक पहुंचने में फेल टीम इंडिया के लिए साल 2022 बेहद निराशाजनक साल रहा. लगातार हार की वजहों पर बोर्ड ने रविवार को एक अहम समीक्षा बैठक की है. विश्वकप की तैयारियों के मद्देनजर बोर्ड के अध्यक्ष रोजर बिन्नी और सचिव जय शाह के साथ भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य कोच राहुल द्रविड़, नेशनल क्रिकेट एकेडमी के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण और मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा शामिल हुए.
बोर्ड ने बैठक के बाद एक अहम फैसला लिया है. अब खिलाड़ियों के सलेक्शन को लेकर एक अहम बदलाव किया जा रहा है. एक फिटनेस टेस्ट को भी सेलेक्शन प्रक्रिया में शामिल किया गया है, जिसका नाम डेक्सा टेस्ट है. आइए जानते हैं यह टेस्ट क्या है?
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यो यो टेस्ट की हुई वापसी
यो-यो टेस्ट की वापसी हो गई है. अब वे ही खिलाड़ी नेशनल टीम में चुने जाएंगे जो इस टेस्ट में पास होंगे. BCCI ने घोषणा की है कि खिलाड़ियों को सभी फॉर्मेट में चुने जाने से ठीक पहले डेक्सा देना होगा.
डेक्सा क्या है?
डेक्सा को 'बोन डेंसिटी टेस्ट' भी कहा जाता है. यह एक एक्स-रे तकनीक है जिसका उपयोग हड्डियों की ताकत को मापने के लिए किया जाता है. यह यह पता लगाने में मदद कर सकता है कि क्या परीक्षण करने वाले व्यक्ति को हड्डियों के टूटने या खोने का कोई खतरा है. इस टेस्ट से यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि क्या किसी खिलाड़ी को शरीर के किसी हिस्से को फ्रैक्चर होने का खतरा है. यह बॉडी स्ट्रक्चर की मैपिंग करता है और शरीर में फैट और मांसपेशियों की स्थिति को भी जांचता है.
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क्यों हो रहा है बदलाव?
BCCI का तर्क है कि खिलाड़ियों के चयन से पहले उनकी फिटनेस की जांच जरूरी है. बीते एक साल से कई दिग्गज खिलाड़ी चोट की वजह से मैच नहीं खेल पाए हैं. कैप्टन रोहित शर्मा भी यह कह चुके हैं कि हमारे आधे खिलाड़ियों की फिटनेस प्रभावित है, आधे मैच खेल रहे हैं. बांग्लादेश से मिली करारी हार के बाद उनकी यह टिप्पणी बेहद अहम है. ऐसे में बोर्ड को ज्यादा गंभीर होने की जरूरत पड़ रही थी.
रोहित शर्मा ने मैच में हारने के बाद कहा था, 'खिलाड़ियों का चोटिल होना, चिंता की बात है. हमें इसकी तह तक जाने की जरूरत है. मुझे नहीं पता कि यह असलियत में क्या है. हो सकता है कि वे बहुत अधिक क्रिकेट खेल रहे हों. हमें लोगों पर नज़र रखने की ज़रूरत है. जब वे भारत के लिए आएं तो 100% आएं.
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