DOPE TEST: दो भारतीय डोप टेस्ट में फेल, जानिए क्या है ये और किन स्टार एथलीट्स पर लग चुका है इसका दाग

Written By विवेक कुमार सिंह | Updated: Jul 20, 2022, 09:21 PM IST

DOPE टेस्ट क्या है

4X100 मीटर रीले रेस की धाविका सीकर धनलक्ष्मी और ट्रिपल जंपर एश्वर्य बाबू के DOPE टेस्ट में फेल होने के बाद भारत को बड़ा झटका लगा है. इससे पहले भी भारत के कई स्टार खिलाड़ी डोप टेस्ट में फेल हो चुके हैं.

डीएनए हिंदी: Commonwealth Games के लिए भारतीय टीम में शामिल धाविका S. Dhanalakshmi और ट्रिपल जंप में नेशनल रिकॉर्डधारक Aishwarya Babu डोप टेस्ट में फेल होने की वजह से बर्मिंघम नहीं जा पाएंगे. जिसके बाद से भारत को बड़ा झटका लगा है. हालांकि ऐसे पहली बार नहीं हुआ, जब किसी मल्टी स्पोर्ट्स इवेंट से पहले कोई भारतीय एथलीट डोप टेस्ट में फेल हुआ है. इससे पहले Rio Olympic 2016 से पहले Narsingh Yadav भी DOPE टेस्ट में फेल हो गए थे. चलिए जानते हैं क्या होता है DOPE TEST और कैसे किया जाता है.

डोप टेस्ट क्या है?

सबसे पहले खिलाड़ी के यूरीन को सैंपल A और सैंपल B बोटल में रखा जाता है. सैंपल A से खिलाड़ी के DOPE में पास या फेल होने की पुष्टी होती है. जबकि सैंपल B  का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब खिलाड़ी फेल होने के बाद अपील करता है. दूसरे टेस्ट में खिलाड़ी के खून को सैंपल A और सैंपल B बोटल में रखा जाता है. फिर आगे वही प्रोसेस किया जाहा है, जो यूरीन के टेस्ट में किया जाता है. इस टेस्ट में अगर खिलाड़ी पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसे प्रतिबंधित कर दिया जाता है और जिस टूर्नामेंट से पहले सैंपल लिया जाता है, अगर उस टूर्नामेंट में उसने पदक जीता है, तो वो पदक भी ले लिया जाता है.

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DOPE टेस्ट क्यों किया जाता है?
जब कोई एथलीट अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए किसी दवा का प्रयोग करता है, तो इसे रोकने के लिए DOPE टेस्ट किया जाता है, ताकि सभी एथलीट अपनी ताकत पर प्रदर्शन करें. बता दें कि किसी भी एथलीट का कभी भी डोप टेस्ट किया जा सकता है. भले वो टूर्नामेंट खेल चूका है. भारत के एथलीटों के टेस्ट नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी और वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी द्वारा करावाए जाते हैं.

कौन ले सकता है DOPE टेस्ट?
दुनिया में ड्रग्स के बढ़ते चलन को रोकने के लिए 10 नवंबर 1999 में स्विट्जरलैंड के लुसाने शहर में वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी की स्थापना की गई थी.  डोप टेस्ट वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) या नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ले सकता है. इसके बाद से सभी देशों में NADA की स्थापना की जाने लगी. DOPE टेस्ट में फेल होने वाले एथलीट्स को 2 साल सजा से लेकर आजीवन प्रतिबंध तक की सजा का प्रावधान है. डोप टेस्ट में फेल हुए एथलीट को कभी भी खेल से जुड़ा कोई सम्मान नहीं दिया जाता है, जैसे अर्जुन अवार्ड और खेल रत्न अवार्ड.

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DOPE टेस्ट में फेल होने वाले भारतीय खिलाड़ी

  • नरसिंह यादव, कुश्ती 2016
  • सुब्रता पॉल, फुटबॉल 2017
  • मनप्रीत कौर, शॉट पुट 2017
  • संजिता चानू, वेटलिफ्टिंग 2018
  • निर्माला श्योराण, 400 मीटर रेस 2018
  • नवीन डागर, स्टीपलचेज़, 2018
  • सतनाम सिंह, बास्केटबॉल 2019
  • पृथ्वी शॉ, क्रिकेट 2019
  • सुमित मलिक, कुश्ती 2021
  • कमलप्रीत कौर, डिस्कस थ्रो 2022
  • एमआर पुवम्मा, 4X400 मीटर रीले रेस 2022
  • धनलक्ष्मी, 4X100 मीटर रीले रेस 2022
  • एश्वर्य बाबू, ट्रीपल जंप 2022

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