क्या होता है Electric Highway? गडकरी बोले- दिल्ली और मुंबई के बीच बनाने की योजना

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 13, 2022, 10:24 AM IST

Electric Higway

Electric Highway in India: भारत सरकार में सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सरकार राजधानी नई दिल्ली और मुंबई के बीच इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की योजना बना रही है. इलेक्ट्रिक हाईवे आमतौर पर ऐसा हाईवे होता है जिस पर चलने वाले वाहनों को बिजली की आपूर्ति की जाती है. यह बिजली सड़क के ऊपर लगे तारों से वाहन तक पहुंचाई जाती है.

डीएनए हिंदी: नरेंद्र मोदी सरकार में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी लाजवाब हाईवे बनाने के लिए पहचाने जाते हैं. साल 2014 में सड़क परिवहन मंत्रालय संभालने के बाद से अबतक उनके कार्यकाल में कई बेहतरीन एक्सप्रेस-वे बनाए हैं. नितिन गडकरी इतने पर ही नहीं रुक रहे हैं बल्कि अब उन्होंने देश की यातायात व्यवस्था को और ज्यादा फास्ट बनाने के लिए बड़ा प्लान बनाया है. नितिन गडकरी ने सोमवार को बताया कि अब सरकार देश की राजधानी नई दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई के बीच इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की प्लानिंग कर रही है. आइए आपको बताते हैं कैसा होता है एक इलेक्ट्रिक हाईवे (Electric Highway).

What is an Electric Highway?
दुनिया के ज्यादातर देश इस समय पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों के बजाय इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric Vehicles) को प्राथमिकता दे रहे हैं. कहा जा रहा है कि भारत में भविष्य का मार्केट का भी EV का है, इसीलिए जगह-जगह EV चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे हैं. अब बात करते हैं इलेक्ट्रिक हाईवे की. आपने ट्रेन या मेट्रो रेल में सफर तो किया ही होगा. जिस तरह ट्रेन के इंजन के ऊपर बिजली के तारों से कनेक्ट करने के लिए pantograph लगा होता है, ऐसा ही कुछ नजारा इलेक्ट्रिक हाईवे पर नजर आता है.

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कुछ ही दिनों पहले जर्मनी ने Hesse शहर में इलेक्ट्रिक हाईवे की शुरुआत की गई है. यह  इलेक्ट्रिक हाईवे 6 मील लंबा है. इस इलेक्ट्रिक हाईवे पर हाईब्रिड ट्रक चलते हुए ही चार्ज किए जा सकते हैं. इलेक्ट्रिक हाईवे के एक किनारे पर ठीक वैसे ही बिजली के तार नजर आते हैं, जैसे किसी रेलवे स्टेशन या मेट्रो स्टेशन पर नजारा दिखाई देता है. जर्मनी के इस इलेक्ट्रिक हाईवे पर ट्रेनों और ट्रामों के लिए उपयोग की जाने वाली ओवरहेड पावर लाइनों की तरह ही हाइब्रिड ट्रक ओवरहेड केबल से कनेक्ट कर चार्जिंग करते हैं. इस दौरान वो 50 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा की रफ्तार पर चलते भी रहते हैं.

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निर्माण में कितनी लागत आई?
जर्मनी में बनाए गए 6 मील लंबे इलेक्ट्रिक हाईवे को बनाने के लिए जर्मन फेडरल मिनिस्ट्री द्वारा 14.6 मिलियन यूरो (1 अरब 16 करोड़ 36 लाख रुपये) जारी किए गए थे. इसके अलावा ट्रायल के लिए 15.3 मिलियन यूरो जारी किए. इलेक्ट्रिक हाईवे के लिए कोई नया रास्ता बनाने की जरूरत नहीं है बल्कि पहले से मौजूद एक्सप्रेस-वे या हाईवे पर ओवरहेड पावर के जरिए कनेक्टिविटी प्रदान की जा सकती है. इसके अलावा सरकार को मौजूद वाहनों को नए सिरे से डिजाइन किए जाने की जरूरत है. अगर भारत में इलेक्ट्रिक हाईवे हकीकत बनते हैं तो ये भविष्य में प्रदूषण कंट्रोल में भी सहायक साबित होंगे.

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