Exit Poll और Opinion Poll में क्या है अंतर, जानिए कैसे होता है सर्वे

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 05, 2022, 06:37 PM IST

Assembly Election 2022: विधानसभा चुनावों में वोटिंग के बाद आज एग्जिट पोल्स के नतीजे आने हैं जिसके बाद 8 दिसंबर को नतीजे घोषित होंगे.

डीएनए हिंदी: हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनावों (Assembly Election 2022) के लिए आज वोटिंग खत्म हो गई है. इसके साथ ही एमसीडी (MCD Election 2022) के लिए भी रविवार को वोटिंग हो गई थी. ऐसे में एमसीडी चुनावों के नतीजे 7 दिसंबर को और विधासनभा के नतीजे 8 दिसंबर को आने हैं. इसके पहले लोगों के मन में यह सवाल है कि एग्जिट पोल्स इस बार चुनावों में किसे जिता रहे हैं. वहीं एक सवाल यह भी है कि आखिर एग्जिट पोल क्या होता है (What is Exil Polls) तो चलिए आज आपको इसके बारे में बताते हैं. 

क्या होता है एग्जिट पोल

एग्जिट पोल की बात करें तो जब चुनाव के लिए मतदान हो रहा होता है और लोग मतदान केंद्र से वोट देकर बाहर आते हैं तो इस दौरान उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किस पार्टी को वोट दिया है? इसके बाद लोगों के डेटा को इकट्ठा करके यह अनुमान लगाया जाता है कि उन्होंने किस पार्टी को वोट दिया था. इसके बाद ही यह अंदाजा भी लग जाता है कि आखिर चुनावी नतीजों में किस पार्टी को जीत मिलेगी. इसीलिए इसे एग्जिट पोल्स कहते हैं. 

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ओपिनियन पोल क्या है? 

ओपिनियन पोल एग्जिट पोल से काफी अलग होता है क्योंकि इससे चुनावों के नतीजों का अनुमान लगाना काफी मुश्किल होता है. ओपिनियन पोल चुनाव से पहले कराया जाता है. इस दौरान वोटरों से पूछा जाता है कि आप कौन-सी पार्टी को वोट देंगे? सर्वे करने वाले लोग चुनावों से पहले वोटरों की राय जानने की कोशिश करते हैं. अलग-अलग इलाकों से इसका सैंपल लिया जाता है और उसके आधार पर ही यह अंदाजा लगाया जाता है कि आखिर चुनाव होने पर कौन सी पार्टी जीत सकती है. अहम बात यह है कि इसमें जितना बड़ा सैंपल साइज होता है उसमें उतने ही सटीक होने के चांस भी होते हैं. 

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कौन करवाता है एग्जिट पोल्स

आपको बता दें कि ये ओपिनियन और एग्जिट पोल्स न्यूज चैनल या सर्वे करने वाली एजेंसियों करवाती हैं. इनका एक सैंपल साइज होता है. उदाहरण के लिए मान लीजिए कि पोल के दौरान सर्वे करने वाली एजेंसियों ने दो लाख लोगों से बात की है तो इसके बाद उनसे मिली जानकारी की एक रिपोर्ट तैयार की जाती है. एजेंसी हर सीट के हिसाब से कुछ लोगों से बात करती है और उसके आधार पर बताया जाता है कि चुनाव के नतीजे कैसे रहने वाले हैं और कौन सी पार्टी सत्ता में आ पाती हैं.

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