What is Interpol: इंटरपोल क्या है? कैसे काम करती है ये एजेंसी, कौन-कौन से देश हैं इसके सदस्य

Written By कुलदीप सिंह | Updated: Oct 18, 2022, 11:16 AM IST

Interpol: इंटरपोल के दुनियाभर में 195 देश सदस्य हैं. इसका मुख्यालय फ्रांस के लियोन शहर में स्थित है.

डीएनए हिंदीः दिल्ली के प्रगति मैदान में आज से इंटरपोल (Interpol) की 90वीं वार्षिक महासभा का आयोजन किया जा रहा है. इसमें 195 देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस महासभा का उद्घाटन करेंगे. तीन दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में गृहमंत्री अमित शाह भी भाग लेंगे. आखिर यह संगठन क्या है और यह किस तरह काम करता है? दुनियाभर के देशों के भगोड़ों के पकड़ने में यह संगठन कैसे मदद करता है, इसे विस्तार से समझते हैं. 

क्या है इंटरपोल?
इंटरपोल एक अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (International Criminal Police Organization) है. इस संगठन के दुनियाभर में 195 देश सदस्य हैं. इसका मुख्यालय फ्रांस के लियोन में है. इसके अलावा इसके दुनिया भर में सात क्षेत्रीय ब्यूरो भी हैं. यह एक अंतरराष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो है जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा पुलिस संगठन बनाता है. इंटरपोल की स्थापना 1923 में की गई थी लेकिन भारत 1949 में इसका सदस्य बना. इस संगठन ने 1956 से ही खुद को इंटरपोल करना शुरू कर दिया था. सभी सहयोगी देश तेजतर्रार पुलिस ऑफिसर्स को ही इन्टरपोल में डेपुटेशन पर भेजते हैं. इंटरपोल आमतौर पर उन अपराधों पर नकेल कसने का काम करता है, जो अलग-अलग देशों मं फैली हो. इंटरपोल के सदस्य देश ही इंटरपोल को किसी अपराधी के खिलाफ रेड नोटिस जारी करने के लिए कह सकते हैं. 

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भारत में CBI नोडल एजेंसी
इंटरपोल में सभी सदस्य देश एक प्लेटफॉर्म अपने देश में मौजूद बड़े अपराधियों की जानकारी एक-दूसरे के साथ शेयर करते हैं. भारत में सीबीआई ऐसे मामलों में इंटरपोल के संपर्क में रहती है. सीबीआई ही इंटरपोल और अन्य जांच एजेंसियों के बीच नोडल एजेंसी का काम करती है. भारत से जब भी कोई अपराधी विदेश भाग जाता है या उसके विदेश भागने की आशंका होती है तो उसके खिलाफ लुकआउट या रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है. 

क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस? 
रेड कॉर्नर नोटिस (Red Corner Notice) किसी वांछित अपराधी को लेकर जारी किया जाता है. इस नोटिस के जरिए उस अपराधी की दुनियाभर में इंटरपोल के सदस्य देशों को सूचना दी जाती है. यह तब जारी किया जाता है जब किसी अपराधी के विदेश भागने की आशंका रहती है. सभी देशों की सचेत एजेंसियां ऐसे में अपराधी के बारे में एलर्ट जारी कर सकती हैं और उसे पकड़ने में मदद मिल सकती है. इस नोटिस के जरिए उस अपराधी के नाम, उम्र, पहचान से लेकर फिंगर प्रिंट और आंखों के रंग समेत सभी जानकारी मौजूद रहती है.  

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सबसे पहले कब जारी हुआ था नोटिस? 
इंटरपोल की ओर से पहला नोटिस 1947 में एक पुलिसकर्मी की हत्या के केस में रूसी व्यक्ति के खिलाफ जारी किया गया था. समय के साथ-साथ नोटिस के रंग और को विस्तार दिया गया. अभी भी रेड नोटिस ही सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. इंटरपोल रेड नोटिस के अलावा ब्लैक, येलो, ग्रीन, ऑरेंज, पर्पल और ब्लू नोटिस भी जारी करती है. इसे अपराध की गंभीरता और जानकारी के हिसाब से जारी किया जाता है. इंटरपोल अब तक ऐसे 500 से भी ज्यादा रेड नोटिस जारी कर चुका है.

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