डीएनए हिंदी: एक्ट्रेस राधिका आप्टे ने एक पोस्ट शेयर कर मुंबई एयरपोर्ट की अपनी दर्दभरी कहानी बताई. एक्ट्रेस ने बताया कि फ्लाइट में देरी के बाद वह अन्य यात्रियों के साथ एयरपोर्ट के एयरोब्रिज के अंदर फंसी रहीं. उन्होंने बताया कि राधिका ने यह बताया है कि आज शनिवार को उनकी 8.30 बजे की फ्लाइट थी लेकिन किसी वजह से अन्य पैसेंजर्स के साथ उन्हें घंटो तक एयरोब्रिज में लॉक कर दिया गया. उन्होंने कहा कि उनकी फ्लाइट में देरी हुई तो सेक्योरिटी ने दरवाज़ा नहीं खोला और एयरलाइन स्टाफ को कुछ भी मालूम नहीं था. इसके साथ उन्होंने कुछ तस्वीरें और वीडियो शेयर कर कहा कि इस दौरान छोटे बच्चे, बुजुर्गों के साथ यात्री एक घंटे से ज्यादा समय तक अंदर बंद हैं. राधिका ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें कई लोग एक बंद कांच के दरवाजे के पीछे दिखाई दे रहे थे. ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि एयरपोर्ट का एयरोब्रिज क्या होता है, जिसमें राधिका आप्टे घंटो फंसी रहीं.
राधिका आप्टे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ तस्वीरें और फोटोज शेयर करते हुए लिखा कि मुझे यह पोस्ट करना पड़ा. आज सुबह मेरी 8:30 बजे की फ्लाइट थी. अभी 10:50 हो गए हैं और फ्लाइट अभी तक बोर्ड नहीं हुई है लेकिन कहा जा रहा है कि हम बोर्डिंग कर रहे हैं और सभी यात्रियों को उतार दिया. एयरोब्रिज में बंद कर दिया. छोटे बच्चों, बुजुर्गों के साथ यात्रियों को एक घंटे से अधिक समय से बंद कर दिया गया है. सेक्योरिटी ने दरवाजे नहीं खोले. कर्मचारियों को बिल्कुल भी कुछ पता नहीं है. अब मैं अंदर बंद हूं और उन्होंने हमें बताया कि हम कम से कम 12 बजे तक यहां रहेंगे. हम सभी बंद हैं. न पानी, न टॉयलेट. मजेदार यात्रा के लिए धन्यवाद. उनका यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. कुछ लोग यह सवाल भी करने लगे कि आखिर एयरोब्रिज क्या होता है? हम आपको इसका जवाब देते हैं.
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क्या होता है एयरपोर्ट का एयरोब्रिज?
हवाईअड्डों पर इस्तेमाल होने वाला एक ज्वाइंट मार्ग बनाया जाता है, जिसे एयरोब्रिज कहा जाता है. ये ढंके हुए पुल की तरह किया जाता है. जो टर्मिनल बिल्डिंग से सीधे हवाई जहाज के दरवाजे तक यात्रियों को ले जाता है, यह एक सुरंग जैसा रास्ता होता है. इसके जरिए यात्री आसानी से विमान तक पहुंच जाते हैं. अब ऐसी जगहों में ज्यादा देर तक यात्री रुकते ही नहीं हैं, यह केवल विमान तक जाने के लिए एक रास्ता बनाया जाता है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि इस कारण से इसमें कुछ सुविधाएं नहीं दी जाती हैं. एयरोब्रिज का यह भी फायदा होता है कि विमान तक पहुंचने में बारिश, धूप और हवा से सामना नहीं करना पड़ता है. इससे यात्री को एयर बस में चढ़ कर फ्लाइट तक नहीं जाना पड़ता है. वो एयर पोर्ट से ही डॉयरेक्ट फ्लाइट में पहुंच जाते हैं. एयरोब्रिज सुविधाओं का उपयोग करने के लिए एयरलाइंस को हवाई अड्डे को एक निश्चित शुल्क देना पड़ता है. यहां पर आपको यह भी बता दें कि एयरब्रिज को कभी-कभी बोर्डिंग ब्रिज भी कहा जाता है.
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कुछ कंपनियां नहीं बनाती एयरोब्रिज
कुछ कंपनियां एयरोब्रिज के बजाय अपने यात्रियों को सीढ़ी से ले जाती हैं. कहा जाता है कि प्राइवेट एयरलाइंस पैसे बचाने के लिए विमान में चढ़ने और उतरने के लिए एयरोब्रिज का इस्तेमाल नहीं करने का ऑप्शन चुन रही हैं. मार्च 2022 में परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर संसदीय समिति की एक रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की थी. जिसमें कहा गया था कि कुछ हवाई अड्डों में एयरोब्रिज होने के बावजूद, एयरलाइंस यात्रियों को बोर्डिंग और डिबोर्डिंग के लिए उपयोग नहीं कर रही है और इसके बजाय सीढ़ियों का उपयोग कर रही है. उसमें कहा गया था कि यात्रियों से शुल्क वसूलने के बावजूद निजी विमानन कंपनियां लागत कम करने के लिए एयरोब्रिज सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं. एयरोब्रिज की सुविधा ना मिलने से यात्रियों, विशेषकर वृद्धों को विमान में चढ़ने के लिए पार्किंग स्टैंड की सीढ़ियों पर चढ़ने और चढ़ने का खामियाजा भुगतना पड़ता है.
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