आखिर क्या है अल-कादिर ट्रस्ट केस? जिसकी वजह से सलाखों के पीछे पहुंचे इमरान खान

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 05, 2023, 02:14 PM IST

Imran Khan arrested

पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के मुताबिक, पूर्व पीएम इमरान खान को राष्ट्रीय खजाने को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

डीएनए हिंदी: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया. इमरान खान को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट में मौजूद थे. कोर्ट में बायोमेट्रिक प्रक्रिया चल रही थी, तभी पाक रेंजर्स शीशे की खिड़की तोड़कर अंदर घुस आए और वकील, सुरक्षा कर्मियों की पिटाई करने के बाद इमरान खान को गिरफ्तार करके ले गए. इमरान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में बवाल मच गया. तहरीफ-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ता ने सड़कों पर उतरकर जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की. अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर इमरान खान को गिरफ्तार किस मामले में क्या गया. क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग और तोशखाना केस में कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है.

पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के मुताबिक, पूर्व पीएम इमरान खान को राष्ट्रीय खजाने को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि इमरान को कई बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन वह इस मामले में हाजिर नहीं हो रही थे. राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (National Accountability Bereau) इस मामले की जांच कर रही है. NAB के आदेश पर ही इमरान को पाक रेंजर्स ने गिरफ्तार किया है.

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जानिए क्या है पूरा मामला?
इमरान खान पर अल-कादिर ट्रस्ट मामले में धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज है. यह पूरा मामला 2019 में सूफीवाद के लिए अल-कादिर यूनवर्सिटी की स्थापना से जुड़ा हुआ है. दरअसल, पूर्व पीएम इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीवी और उनके करीबी सहयोगी जुल्फिकार बुखारी और बाबर अवान ने अल-कादिर प्रोजेक्ट ट्रस्ट का गठन किया था. जिसका मकसद पंजाब के झेलम जिले की सोहावा तहसील में हाई लेवल की शिक्षा प्रदान करने के अल-कादिर नाम से यूनिवर्सिटी का स्थापना करना था. आरोप है कि दान की गई जमीन के कागजात में हेराफेरी की गई.

यूनिवर्सिटी के नाम पर दान की गई इस जमीन को इमरान खान और उनकी बीवी ने गैर कानूनी तरीके से हड़प लिया. आरोप है कि प्रधानमंत्री रहने के दौरान इमरान खान ने पाकिस्तान के सबसे अमीर कारोबारी मलिक रियाज को गिरफ्तारी का डर दिखाकर धमकाया  और फिर अरबों रुपये की जमीन को अपने नाम करा लिया. कागजातों में ट्रस्ट का पता बानी गाला हाउस, इस्लामाबाद लिखवाया गया. बाद में इस बुशरा बीवी ने जमीन को लीगल तरीके से पाने के लिए एक निजी रियल एस्टेट फर्म बहरिया टाउन से संपर्क किया और उससे दान देने के लिए फर्जी ज्ञापन छपवाया.

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बुशरा बीवी की दोस्त के नाम की गई जमीन
रियल एस्टेट फर्म बहरिया टाउन दान के नाम पर अल-कादिर ट्रस्ट को 458 कनाल, 4 मरला, 58 वर्ग फुट जमीन कर दी. गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के मुताबिक इस जमीन में इमरान खान ने अपना अलग से हिस्सा तय किया और 458 कनाल जमीन में से 240 कनाल बुशरा बीवी की करीबी दोस्त फराह गोगी के नाम ट्रांसफर करा दी. सनाउल्लाह का दावा है कि यूनिवर्सिटी के नाम पर इमरान खान ने अरबों रुपये की जमीन का अपना हिस्सा प्राप्त किया. इमरान ने इसके लिए रियल एस्टेट टाइकून मलिक रियाज को लगभग 190 मिलियन पाउंड दिए.

इस्लामाबाद पुलिस ने महानिरीक्षक (IG) अकबर नासिर खान का आरोप है कि इमरान खान और उनकी पत्नी ने 50 अरब रुपये को वैध बनाने के लिए एक रियल एस्टेट फर्म से अरबों रुपये प्राप्त किए. यह घोटाला तब सामने आया जब पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा 180 मिलियन पाकिस्तानी रुपये प्राप्त किए गए, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में सिर्फ 8.52 मिलियन पाकिस्तानी रुपये दिखाया गया. इस दौरान सवाल ये उठा कि जब संस्थान को एक ट्रस्ट के रूप में स्वीकार किया गया था तो संस्थान छात्रों से शुल्क क्यों ले रहा है.

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