Chhattisgarh Liquor Scam: हर बोतल की बिक्री से कमीशन बनाने का आरोप, जानिए क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 08, 2023, 11:56 AM IST

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला

Chhattisgarh Liquor Scam Hindi: छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री में बड़ा घोटाला किए जाने का मामला सामने आया है. इस केस में ईडी ने अनवर ढेबर नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है.

डीएनए हिंदी: दिल्ली की आबकारी नीति का मामला अभी खत्म नहीं हुआ है. इसी बीच छत्तीसगढ़ में भी शराब घोटाले की जांच शुरू हो गई है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि अनवर ढेबर की अगुवाई में एक ऐसा सिंडिकेट काम कर रहा है जिसने हर बोतल की बिक्री पर घोटाला किया. ईडी के मुताबिक, इस पूरे मामले में लगभग 2,000 करोड़ रुपये की गड़बड़ की गई है. ईडी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में शराब के कारोबार में भ्रष्टाचार हुआ है और मनी लॉन्ड्रिंग के भी सबूत मिले हैं.

ईडी ने एक बयान में कहा कि अनवर ढेबर को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत शनिवार तड़के रायपुर के एक होटल से तब गिरफ्तार किया, जब वह पिछले दरवाजे से भागने की कोशिश कर रहे थे. PMLA स्पेशल कोर्ट ने बाद में उन्हें चार दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया. अनवर ढेबर के वकील ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कार्रवाई राजनीति से प्रेरित लगती है और वे इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.

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अनवर ढेबर पर क्या हैं आरोप?
मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने कहा कि अनवर ढेबर को सात बार तलब किया गया लेकिन वह जांच में शामिल नहीं हुए. ईडी के मुताबिक, अनवर ढेबर लगातार बेनामी सिम कार्ड और इंटरनेट डोंगल का इस्तेमाल कर रहे थे और अपना ठिकाना बदल रहे थे. एजाज ढेबर छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस के एक प्रभावशाली नेता माने जाने जाते हैं. वह रायपुर के मौजूदा मेयर भी हैं.

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ईडी ने आरोप लगाए हैं, 'जांच में पाया गया है कि अनवर ढेबर की अगुवाई में एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में काम कर रहा था. अनवर ढेबर एक आम नागरिक हैं लेकिन वह बड़ी राजनीतिक हस्तियों और वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से पैसे लेते थे. अनवर ढेबर ने एक व्यापक साजिश रची और घोटाले को अंजाम देने के लिए व्यक्तियों/इकाइयों का एक बड़ा और मजबूत नेटवर्क तैयार किया ताकि छत्तीसगढ़ में बेची जाने वाली शराब की हर बोतल से अवैध तरीके से पैसे कमाए.' 

छापेमारी में सबूत मिलने का दावा
ईडी की शुरुआती जांच के मुताबिक, मार्च में रायपुर में अनवर ढेबर के घर सहित छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में 35 जगहों पर छापे मारे गए थे. साल 2019-2022 के बीच दो हजार करोड़ रुपये के अभूतपूर्व भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले. ईडी ने आरोप लगाया कि अनवर ढेबर पैसे इकट्ठा करने के इस अवैध कारोबार के लिए जिम्मेदार थे लेकिन वह इस घोटाले के अंतिम लाभार्थी नहीं हैं. ईडी ने दावा किया है कि अनवर ढेबर इसमें से कुछ पैसे अपने पास रखते थे और बाकी के पैसे अपने राजनीतिक आकाओं को देते थे.

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प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी अनिल टुटेजा शराब कारोबारी अनवर ढेबर के साथ छत्तीसगढ़ में अवैध शराब सिंडिकेट के सरगना हैं. साथ ही, उसका यह भी दावा है कि भ्रष्टाचार से कमाए गए इन पैसों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में भी किया गया. एजेंसी ने यह भी दावा किया कि उसकी जांच में यह भी सामने आया है कि 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में जितनी शराब बेची गई उसमें से 30 से 40 फीसदी शराब अवैध थी और इस तरह से 1200-1500 करोड़ रुपये का अवैध लाभ हुआ.

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