क्या होता है पेजर, जो हिजबुल्लाह के लिए बना मौत का 'ट्रांसमीटर', जानें कैसे करता है काम?

रईश खान | Updated:Sep 17, 2024, 11:31 PM IST

pager blast in lebanon

Lebanon Pager Blast: साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि अगर किसी डिवाइस में ब्लास्ट होता है तो उसकी बैटरी की वजह से होता है. बैटरी अपनी आप में एक रिस्क फैक्टर होता है. पेजर की बैटरी के साथ भी कॉम्प्रोमाइज किया गया होगा.

लेबनान में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब अचानक एक के बाद सैंकड़ों पेजर्स फट गए. इस सीरियल ब्लास्ट में 8 लोगों की मौत हो गई. जबकि 2750 से ज्यादा लोग घायल हो गए. घायलों में ईरान के एक राजदूत भी शामिल हैं. इस हमले के पीछे इजरायल हाथ बताया जा रहा है. पेजर डिवाइस बनाने वाली कंपनी और इजरयाल की खुफिया एजेंसी मोसाद के बीच सांठगांठ बताई जा रही है. 

यह धमाके ऐसे समय हुए हैं, जब लेबनान सीमा पर तनाव बढ़ा हुआ है. हिजबुल्लाह के एक अधिकारी ने कहा कि समूह द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ‘हैंडहेल्ड पेजर’ के नए ब्रांड पहले गर्म हुए, फिर उनमें विस्फोट हो गया. अधिकारी ने बताया कि इसमें उसके कम से कम दो सदस्यों की मौत हो गई और अन्य घायल हो गए. 

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री फिरास अबियाद ने कहा  की 8 लोगों की मौत और 2,750 घायल हुए हैं. घायलों में से 200 की हालत गंभीर है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये पेजर क्या है? जिसने हिजबुल्लाह के लड़ाकों को घर बैठे मौत की नींद सुला दिया. ये कैसे काम करता है? क्या इसको हैक किया जा सकता है? आइये इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं.

पेजर क्या होता है?
पेजर (Pager) एक ऐसा डिवाइस होता है, जिससे बगैर इंटरनेट और मोबाइल डेटा के मैसेज भेजा या प्राप्त किया जा सकता है. 1990 के दशक में इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा होता था. उस दौरान मोबाइल फोन का चलन नहीं था. बिजनेसमैन, डॉक्टर, और इमरजेंसी सेवाओं के लिए पेजर का इस्तेमाल होता था. यह एक छोटा सा पोर्टेबल डिवाइस है, जो एक रेडियो सिग्नल के जरिए टेक्स्ट मैसेज भेज सकता है.

पेजर का इस्तेमाल कम्यूनिकेशन के लिए किया जाता है. लेबनान में हिजबुल्लाह ग्रुप के लोग इसका ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. पेजर पर मैसेज भेजने के लिए एक रेडियो फ्रीक्वेंसी को सेट करना पड़ता है. उसी से जुड़े सभी लोग पेजर के जरिए एक-दूसरे मैसेज भेजते हैं. पेजर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं.

पेजर में क्या ब्लास्ट हो सकता है? 
साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि अगर किसी डिवाइस में ब्लास्ट होता है तो उसकी बैटरी की वजह से होता है. बैटरी अपनी आप में एक रिस्क फैक्टर होता है. इसमें ब्लास्ट के चांस बहुत रहते हैं. इसलिए बैटरी को किसी डिवाइस में लगाने से पहले अच्छे से टेस्टिंग की जाती है. लेबनान में हुए पेजर धमाकों में भी बैटरी ही वजह लग रही है. पेजर की बैटरी के सॉफ्टवेयर को भी कॉम्प्रोमाइज किया गया होगा. साथ ही उसका टाइमिंग सेट की किया गया होगा. जिसकी वजह से एक के बाद एक ब्लास्ट हुए.

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