क्या होता है कंगारू कोर्ट? कभी देता है बलात्कार, कभी जिंदा जलाने का आदेश, असम से आया दिल दहलाने वाला मामला

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 10, 2022, 11:29 AM IST

man burnt alive in assam

What is Kangaroo Court: कंगारू कोर्ट की परंपरा वैसे तो सदियों पुरानी है, लेकिन इसे गैरकानूनी घोषित किया जा चुका है. इसके बावजूद गांव और देहात में आज भी ऐसी अदालतें चल रही हैं और उनमें ऐसे दिल दहला देने वाले आदेश भी दिए जा रहे हैं.

डीएनए हिंदी: असम (Assam) से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. यहां नगांव जिले में कंगारू कोर्ट के आदेश पर एक आदमी को सरेआम जिंदा जला दिया गया. यही नहीं उसके बाद उसके शव को दफना भी दिया गया. घटना के बाद हड़कंप मचा और पुलिस को जानकारी मिली तो शव बरामद किया गया. इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है.

इस मामले में क्या कहती है पुलिस
एसडीपीओ एम दास के मुताबिक जिले के बोर लालुंग इलाके में एक कंगारू कोर्ट में सुनवाई के दौरान उक्त व्यक्ति को जिंदा जलाने का आदेश दिया गया था. व्यक्ति को हत्या का दोषी पाए जाने के बाद ये आदेश दिया गया था. मरने वाले व्यक्ति की पहचान रंजीत बोरदोलोई के रूप में हुई है.

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क्या होती है कंगारू कोर्ट
कंगारू कोर्ट ऐसी अदालत को कहते हैं जहां गैरकानूनी या असंवैधानिक तरीके से किसी को आरोपी मानकर सजा सुना दी जाती है. ऐसी अदालतों में फैसले किसी एक पक्ष की तरफ से लिए जाते हैं. ऐसी कोर्ट में सबूत नहीं बल्कि लोगों के दबाव या भावनाओं के बहाव में फैसले सुनाए जाते हैं. कंगारू कोर्ट गैरकानूनी और अपराध की श्रेणी में आते हैं.सन्  2011 में इन अदालतों को गैर कानूनी घोषित किया जा चुका है, फिर भी अब तक इन पर लगाम नहीं लग पाई है.

बिहार-पश्चिम बंगाल में ज्यादा सक्रिय
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये अदालतें सबसे ज्यादा बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में सक्रिय हैं. अक्सर इन राज्यों से ऐसी खबरें आती रहती हैं जिनमें कंगारू कोर्ट में दिए गए आदेशों पर हत्या और बलात्कार जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है. 

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तमाम घटनाएं हैं उदाहरण

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