Land for Job Case क्या है जो बार बार लालू यादव परिवार को करता है परेशान? समझिए

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Mar 06, 2023, 11:18 AM IST

Land for Job Case

Land For Job Case: लालू यादव समेत कुल 16 आरोपियों को दिल्ली की एक अदालत ने लैंड फॉर जॉब केस में समन भेजा है.

डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीम लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) हाल ही में किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के बाद सिंगापुर से लौटे हैं. देश लौटते ही दिल्ली की एक अदालत ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और अन्य को लैंड फॉर जॉब केस (Land for Job Case) में नोटिस भेजा है. आरोप है कि 2004 के 2009 के बीच जब लालू यादव देश के रेलमंत्री थे तब जमीन के बदले नौकरी दी गई. कोर्ट ने लालू यादव समेत कई आरोपियों को नोटिस भेजकर 15 मार्च को कोर्ट में पेश होने को कहा है.

बिहार के सीएम रहे लालू यादव और उनके परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. लालू यादव कई मामलों में सजा पा चुके हैं. फिलहाल मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें जमानत मिली है और वह जेल से बाहर अपने घर पर हैं. सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट के बाद लालू यादव अपने घर पर डॉक्टरों की निगरानी में हैं. आइए समझे हैं कि यह लैंड फॉर जॉब केस आखिर है क्या...

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क्या है लैंड फॉर जॉब केस?
कांग्रेस की अगुवाई में बनी UPA-1 की सरकार में लालू यादव को रेल मंत्री का पद मिला था. आरोप है कि उन्होंने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी की नौकरी दी और इसके बदले में उन लोगों से अपने परिवार के नाम पर जमीनें लिखवा लीं. सीबीआई का दावा है कि इस मामले में लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर प्लॉट की रजिस्ट्री कराई गई और कीमत के नाम पर कुछ पैसे नकद में दे दिए गए. यह पूरा मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है.

सीबीआई ने इस मामले में 2021 में प्रारंभिक जांच शुरू की थी. सीबीआई ने अपनी जांच में कहा है कि पटना में तीन सेल डीड राबड़ी देवी के नाम पर हैं. इसमें से दो डीड फरवरी 2008 की हैं. इसमें दो प्लॉट हैं. तीसरी सेल डीड में एक प्लॉट है. इसी तरह मीसा भारती और हेमा यादव के नाम भी दो गिफ्ट डीड का खुलाया हुआ है. सीबीआई ने अपनी जांच में यह भी कहा है कि एक डीड एके इन्फोसिस्टम नाम की कंपनी के साथ किया गया और बाद में इस कंपनी की डायरेक्टर राबड़ी देवी बन गईं.

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कहां हुई गड़बड़?
आरोप है कि जिन 12 लोगों को नौकरी दी गई थी उसके लिए कोई वैकेंसी कभी निकाली ही नहीं गई. इन लोगों को सिर्फ 3 दिन में नौकरी दे दी गई. इस बारे में सेंट्रल रेलवे तक को कोई जानकारी नहीं दी गई थी. सीबीआई ने साल 2021 में इसकी जांच शुरू की तो लालू यादव, उनकी पत्नी और बेटियों समेत कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

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