Mahakal Corridor: क्या है महाकाल कॉरिडोर जिसका पीएम मोदी 11 अक्टूबर को करेंगे उद्घाटन, जानें सबकुछ

Written By कुलदीप सिंह | Updated: Sep 20, 2022, 11:23 AM IST

Mahakal Corridor: महाकाल कॉरिडोर के निर्माण पर 422 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार, 21 करोड़ रुपये मंदिर समिति और बाकी का पैसा केंद्र सरकार खर्च कर रही है.  

डीएनए हिंदीः काशी विश्वनाथ की तर्ज पर उज्जैन के महाकाल मंदिर में एक कॉरिडोर (Mahakal Corridor) बनकर तैयार हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) 11 अक्टूबर को इसका लोकार्पण करने आने वाले हैं. यह कॉरिडोर काशी से भी चार गुना ज्यादा बड़ा है. बीजेपी (BJP) के लिए उज्जैन के महाकाल मंदिर का महत्व कितना है, इसको आप इस बात से ही समझ सकते हैं कि बीजेपी की मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की पहली शाखा महाकाल मंदिर परिसर में ही लगी थी. महाकाल मंदिर से निकले आरएसएस की शाखा का विस्तार आज करीब पूरे देश में हो चुका था. 

2019 में मिली थी इस प्रोजेक्ट को मंजूरी
उज्जैन में शिवराज सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट महाकाल कॉरिडोर अब लगभग बनकर तैयार है. इस कॉरिडोर के बनने पर महाकाल मंदिर पहले से अब और ज्यादा भव्य हो गया है. सीएम शिवराज के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का खर्च करीब 750 करोड़ रुपए आया है. साल 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने महाकाल मंदिर विस्तारीकरण प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी और इसके लिए 300 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे. हालांकि साल 2020 में कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद शिवराज सरकार ने प्रोजेक्ट की राशि 300 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये कर दिया था. इसके बाद ही कॉरिडोर को और भव्य रूप देने की तैयारी शुरू कर दी गई थी.

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महाकाल प्रोजेक्ट की क्या है खासियत? 
कॉरिडोर में कई चीजें बनने वाली हैं जैसे- शिव तांडव स्त्रोत, शिव विवाह, महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर मार्ग, शिव अवतार वाटिका, धर्मशाला, पार्किंग सर्विस आदि. इस कॉरिडोर के निर्माण में 422 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार, 21 करोड़ रुपये मंदिर समिति और बाकी का पैसा केंद्र सरकार ने दिया है. महाकाल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत रुद्रसागर तरफ 920 मीटर लंबा कॉरिडार, महाकाल मंदिर प्रवेश द्वार, दुकानों, मूर्तियों का निर्माण सात मार्च 2019 को शुरू हुआ था. गुजरात की एक फर्म इस काम को करवा रही है. पहले इसे सितंबर 2020 में पूरा होना था. लेकिन इस अबतक कई बार बढ़ाया जा चुका है. 

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शिव के 190 स्वरूपों के होंगे दर्शन स्वरूप
यह परिसर इतना विशाल है कि पूरा मंदिर परिसर में घूमने और सूक्ष्मता से दर्शन करने के लिए 5 से 6 घंटे का वक्त लगेगा. इस विशाल क्षेत्र में भगवान शिव के 190 अलग-अलग रूप के दर्शन होंगे. शिव तांडव स्त्रोत से लेकर शिव विवाह और अन्य प्रसंगों को भी बड़ी खूबसूरती से तराशा गया है. इसमें महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर मार्ग, शिव अवतार वाटिका, प्रवचन हॉल, नूतन स्कूल परिसर, गणेश विद्यालय परिसर, रूद्रसागर तट विकास, अर्ध पथ क्षेत्र, धर्मशाला और पार्किंग सुविधाओं का विकास हो रहा है. इस कॉरिडोर में हर घंटे करीब एक लाख श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. त्रिवेणी संग्रहालय के पास ही महाकाल पथ का बड़ा द्वार बन रहा है और बीच में फाउन्टेन, लाइट एंड साउंड सिस्टम भी होगा. इसके सामने पवेलियन जैसी व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए की जाएगी.  

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