डीएनए हिंदीः केंद्र सरकार किसानों के लिए 'एक राष्ट्र एक उर्वरक' (One Nation One Fertiliser Scheme) योजना लेकर आई है. प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना' (PMBJP) नामक उर्वरक सब्सिडी योजना के तहत 'उर्वरक और लोगो के लिए एकल ब्रांड' पेश किया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत यूरिया, डीएपी, एमओपी और एनपीके एक ही ब्रांड के नाम से उपलब्ध होंगे. सरकार की ओर से सभी फर्टिलाइजर कारखानों, स्टेट ट्रेडिंग कंपनियों और फर्टिलाइजर की विपणन कंपनियों को इसके लिए निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. कंपनियों से कहा गया है कि वह एक ही लोगो जैसी बोरी में ही सभी तरह के खाद बेचें.
किसानों को क्या होगा फायदा?
इस योजना में खाद की सभी बोरियां एक जैसी होंगी. सभी बोरियां एक जैसी होने के कारण इनकी पहचान करना आसान होगा. इन बोरियों से ही पता चल सकेगा कि ये खाद सब्सिडी का खाद है. इसे सिर्फ खेती के काम में इस्तेमाल किया जाना है. अगर कोई इसकी कालाबाजारी करता है तो उसकी पहचान करना आसान होगा.
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कैसे रुकेगी खाद की चोरी?
फर्टिलाइजर की बोरी पर एक तरफ के दो तिहाही हिस्से पर नए ब्रांड और लोगो का उल्लेख होगा. वहीं बाकी एक तिहाई हिस्से में कंपनी अपना ब्यौरा और निर्धारित तथ्य प्रिंट करेगी. हर बोरी पर प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना छपा रहेगा. ऐसे में अगर कोई इसकी कालाबाजारी करता है तो उसे पकड़ना आसाना होगा.
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19 सितंबर तक ना खरीदें पुरानी बोरी
सरकार की ओर से सभी कंपनियों को कहा गया है कि वो 19 सितंबर 2022 के बाद पुरानी डिजाइन और लोगो वाली बोरियों की खरीद न करें. उन्होंने साफ कर दिया है कि अब फर्टिलाइजर की पैकिंग के लिए खरीदी जाने वाली नई बोरियां एक राष्ट्र-एक उर्वरक के तहत डिजाइन वाली ही होनी चाहिए. इस ब्रांड को 2 अक्टूबर 2022 को बाजार में उतारा जाएंगा. वहीं पुरानी बोरियों को खपाने की अंतिम तिथि भी 21 दिसंबर 2022 तक तय कर दी गई है.
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