क्या होती है Single Use Plastic, 1 जुलाई से किन चीजों पर लग जाएगा बैन, क्या होगा असर, जानें सब कुछ

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 28, 2022, 05:06 PM IST

Single use plastic Ban

Single Use plastic ban in India 2022: सरकार ने 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की पूरी तैयारी कर ली है. 14 चीजों की लिस्ट भी जारी कर दी गई है जो 1 जुलाई के बाद इस्तेमाल नहीं की जा सकेंगी. पढ़ें क्या है वजह और कहां होगा सबसे ज्यादा असर.

डीएनए हिंदी: अगले महीने की पहली तारीख से आपकी जिंदगी में काफी कुछ बदल जाएगा. ये बदलाव ऐसा होगा कि रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली कुछ चीजें आपको दिखाई नहीं देंगी. दिखाई देंगी भी तो समझिए कि उन पर कड़ी कार्रवाई होने ही वाली होगी. बात हो रही है प्लास्टिक बैन की. भारत में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंध लग जाएगा. 

प्लास्टिक के खिलाफ शुरू किए गए इस अभियान के तहत अब प्लास्टिक की वस्तुओं के निर्माण, भंडारण, आयात, वितरण, बिक्री और उपयोग हर चीज पर प्रतिबंध लग गया है जो 1 जुलाई से पूरी तरह लागू भी हो जाएगा.यदि कोई फिर भी प्लास्टिक इस्तेमाल करता पाया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी.

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ये चीजे होंगी बैन
CPCB ने 1 जुलाई से बैन होने जा रही सिंगल यूज प्लास्टिक आइट्मस की लिस्ट भी जारी की है. 
1. प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स (ear buds with plastic sticks,
2. गुब्बारों की प्लास्टिक स्टिक
3. प्लास्टिक के फ्लैग
4. कैंडी स्टिक
5. आइसक्रीम स्टिक
6. थर्माकॉल
7. प्लास्टिक प्लेट्स
8. प्लास्टिक कप 
9. प्लास्टिक पैकिंग का सामान
10. प्लास्टिक से बने इनविटेशन कार्ड
11. सिगरेट पैकेट्स
12. प्लास्टिर और पीवीसी बैनर (100 माइक्रोन से कम)
13. इंविटेशन कार्ड्स
14. स्टिरर (पेय पदार्थ घोलने में काम आने वाली स्टिक)

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क्या होती है सिंगल यूज प्लास्टिक
सिंगल यूज प्लास्टिक ऐसा प्लास्टिक है जिसे एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता है. इन्हें आसानी से नष्ट नहीं किया जा सकता है. इससे प्रदूषण बढ़ता है क्योंकि इसे रिसाइकिल नहीं किया जा सकता और न ही इन्हें जलाया जा सकता है. इससे पर्यावरण में जहरीले रसायन शामिल होते हैं जो इंसान और पशु दोनों के लिए हानिकारक साबित होते हैं. 

रोजगार और सामान का विकल्प क्या होगा
कुछ जानकार मानते हैं कि इस प्रतिबंध का असर सीधे तौर पर लघु उद्योगों पर होगा.आंकड़ों की मानें तो प्लास्टिक उद्योग से भारत में 40 लाख लोगों को रोजगार मिलता है. इस प्रतिबंध के बाद इनके रोजगार पर संकट आ जाएगा. हालांकि अच्छी बात ये है कि इन सभी प्लास्टिक प्रोडक्ट्स के विकल्प भी तैयार किए जा रहे हैं. 200 कंपनियां ऐसे अल्ट्रानेटिव प्रोडक्ट बना रही हैं. कई स्टार्टअप्स भी सामने आए हैं जो प्लास्टिक प्रोडक्ट्स के विकल्प के तौर पर कागज के प्रोडक्ट्स बनाकर पेश कर रहे हैं और रोजगारों की एक उम्मीद भरी नई दुनिया बना रहे हैं. ऐसे में इस्तेमाल की वैकल्पिक वस्तुओं के साथ ही वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जा रहा है.

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