डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन जोरों पर है और राज्य सरकार दबाव में है. सत्ताधारी पार्टियों के विधायक और सांसद इस्तीफे की पेशकश कर रहे हैं. आंदोलनरत मनोज जरांगे पाटिल आज से अपने अनशन का तीसरा चरण शुरू कर सकते हैं जिसमें वह दवाएं नहीं लेंगे और मेडिकल चेकअप भी नहीं कराएंगे. इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कुनबी समुदाय के मराठाओं को सर्टिफिकेट जारी करने के निर्देश दे दिए हैं. आज महाराष्ट्र में सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई है जिसमें मराठा आरक्षण के बारे में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा का हवाला देते हुए इस पर रोक लगा रखी है.
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार की कैबिनेट ने जस्टिस शिंदे कमेटी की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 13,498 परिवारों के दस्तावेज निजाम काल के समय के हैं. कमेटी ने 1.7 करोड़ दस्तावेजों की छानबीन की थी ताकि मराठाओं को कुनबी सर्टिफिकेट जारी करने की एक प्रक्रिया तय की जा सके. हालांकि, मनोज जरांगे पाटिल ने कहा है कि कुनबी सर्टिफिकेट देने जैसे फैसले हमें स्वीकार नहीं हैं.
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कैसे मिलेगा कुनबी सर्टिफिकेट?
एकनाथ शिंदे सरकार ने सितंबर में ही कहा था कि मराठवाड़ा क्षेत्र के जिन लोगों के पास निजाम काल के समय के दस्तावेज हैं उन सभी को कुनबी सर्टिफिकेट दिए जाएंगे. सरकार ने इसके लिए पांच सदस्यों की एक कमेटी भी बनाई थी. अब जस्टिस संदीप शिंदे की अगुवाई वाली इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और कुनबी सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया भी तय की है. इसके लिए कुल 12 तरह के दस्तावेज माने गए हैं.
कौन हैं कुनबी समुदाय के लोग?
पहले महाराष्ट्र हैदराबाद प्रांत का हिस्सा हुआ करता था. तब मराठाओं को कुनबी समुदाय कहा जाता था जो कि मूलरूप से खेतिहर और किसान वर्ग के लोग हैं. जब मराठवाड़ा क्षेत्र महाराष्ट्र का हिस्सा बन गया तब इसी समुदाय को मराठा कहा जाने लगा. साल 1967 में विदर्भ क्षेत्रसे मांग उठी की मराठाओं को ओबीसी का दर्जा दिया जाए. साल 2004 में महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश जारी करके उस क्षेत्र के मराठाओं को कुनबी समुदाय का दर्जा दिया. अब महाराष्ट्र सरकार ने इन्हें कुनबी सर्टिफिकेट जारी करने के निर्देश दे दिए हैं.
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शुरुआत से ही खेती-किसानी में लगे मराठा समुदाय के लोग शिवाजी और मुगलों की सेनाओं में भी रहे हैं. मराठा की सेना में कुनबी नियुक्त किए गए थे. इनमें एक वर्ग गरीब किसानों का है तो दूसरा मराठी भाषी मराठा सरदारों का है. कुनबी समुदाय में धनोजे, घटोले, जादव, हिंद्रे, झारे, खैरे और लेवा जैसी जातियां शामिल हैं.
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