डीएनए हिंदी: कर्नाटक (Karnataka) में लिंगायत मठ के स्वामी शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू (Shivamurthy Murugha Sharanaru) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है. आरोप है कि उन्होंने स्कूल की कई लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न किया. इस मामले में क्या होगा यह पुलिस की आगे की जांच से पता चलेगा. मगर इसी के साथ यह जानकारी भी कई लोगों के सामने आई है कि लिंगायत शिवमूर्ति मठ कर्नाटक का सबसे ताकतवर मठ है, ऐसे में यह जानना भी जरूरी हो जाता है कि वह कौन हैं और उनका कर्नाटक की राजनीति में कितना दखल है.
मठों का देश कहलाता है कर्नाटक
भारत के दक्षिण में स्थित कर्नाटक को मठों और मंदिरों का देश कहा जाता है. यहां लगभग 1,000 मठ हैं. इनमें से ज्यादातर मठ लिंगायत समुदाय के हैं. लिंगायत समुदाय को कर्नाटक की अगड़ी जातियों में गिना जाता है.
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राजनीति में बेहद अहम है लिंगायत समुदाय
शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू राज्य के सबसे प्रमुख लिंगायत मठ के प्रमुख हैं. लिंगायत समुदाय का राजनीति में भी गहरा प्रभाव है. कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री बोम्मई से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा तक लिंगायत समुदाय से हैं. आने वाले समय में प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. इसमें हार-जीत का फैसला लिंगायत समुदाय से जुड़ा माना जाता है.
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कौन हैं स्वामी शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू
स्वामी शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू सन् 1991 से मठ के प्रमुख हैं. 11 अप्रैल 1958 को उनका जन्म हुआ था. उनके बारे में कई बातें बताई जाती हैं, जिनकी वजह से उनकी स्वीकार्यता पूरे कर्नाटक में है. उन्होंने आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों की शादियां करवाईं. इसके लिए सभी समुदायों के लोगों के लिए हर महीने की 5 तारीख को सामूहिक विवाह आयोजित करवाया जाता है. उन्होंने हाशिए पर रहे समूहों को भी अपने धार्मिक मठ बनाने का प्रोत्साहन दिया. उन्होंने दुनिया भर की यात्रा की और बसवा की विचारधारा के प्रसार में भी अहम योगदान दिया. उनके नेतृत्व में मुरुगा मठ कर्नाटक में 150 से ज़्यादा आध्यात्मिक और शिक्षण संस्थान चलाता है.
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