डीएनए हिंदीः चीन में कोरोना वायरस (Corona Virus) ने एक बार फिर कहर बरपाना शुरू कर दिया है. चीन से जो वीडियो सामने आ रहे हैं वह लोगों को विचलित कर रहे हैं. अस्पताल मरीजों से भर चुके हैं. हालत यह है कि लोगों को अस्पताल के बाहर इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. कई शहरों में लॉकडाउन लगाया गया है. एक्सपर्ट्स चीन में कोरोना की तीन लहरें आने की संभावना जता रहे हैं तो न्यू ईयर से शुरू हो सकती हैं. आखिर चीन में कोरोना के इतने मामले क्यों सामने आ रहे हैं, विस्तार से समझते हैं.
चीन में ही कोरोना से सबसे ज्यादा मामले क्यों?
जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी में पब्लिक हेल्थ विभाग के हेड डॉ प्रणव प्रकाश के मुताबिक कोरोना के शुरुआती मामले चीन में ही सामने आए थे. भारत समेत जब पूरी दुनिया में कोरोना के मामलों में कमी आई तो चीन ने भी प्रतिबंधों में छूट देनी शुरू कर दी है. अब हालात यह हैं कि अस्पतालों में जगह नहीं बची है. मरीजों का अस्पताल के बाहर गाड़ियों में ही इलाज किया जा रहा है. चीन कोरोना के होने वाली मौतों को भी हास्यास्पद तरीके से कम करके दिखा रहा है. चीन में कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन BF.7 कहर बरपा रहा है.
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क्या चीन की वैक्सीन प्रभावी नहीं?
चीन में कोरोना के मामले और उससे होने वाली मौतों के लिए पिछले कुछ महीने के दौरान दुनियाभर में हुई घटनाओं पर भी नजर डालनी होती. डॉ प्रवण के मुताबिक इंडोनेशिया में नर्सों की मौत, हांगकांग में संक्रमण, अफ्रीका और अमेरिका के अलावा एशिया के कई देशों में भी ऐसे मामले सामने आए. इससे एक बात साफ है कि चीन की कोरोना वैक्सीन इस वायरस के खिलाफ प्रभावी नहीं है. अब तो चीन भी फाइजर के बनाए टीके खरीद रहा है. इससे साफ है कि चीन की वैक्सीन घटिया और बेकार थी.
कोविड के खिलाफ चीन की पॉलिसी अप्रभावी
चीन की कोरोना को लेकर सख्त पॉलिसी भी बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार बताई जा रही है. हर दिन कोविड के आंकड़े रिकार्ड स्तर पर पहुंच रहे हैं. अस्पतालों में भीड़ है. फ्लू की दवाइयां कम पड़ रही हैं और स्कूल ऑनलाइन चलाए जा रहे हैं. चीन बीते तीन साल से जीरो कोविड नीति का पालन कर रहा था. प्रतिबंधों से संक्रमण रोकने की नीति, चीन में असफल रही. जगह-जगह लॉकडाउन लगाए गए, विदेश यात्रियों को 10 दिन तक आइसोलेट रखा जाने लगा लेकिन फिर भी चीन कोविड से कभी मुक्त नहीं हो पाया. इससे लोगों में हर्ड इम्युनिटी बाकी देशों के लोगों की तरह नहीं बन पाई. चीन ने लॉकडाउन को उपाय माना, जबकि दूसरे देशों में यह वायरस सभी लोगों में फैला. वायरस के खिलाफ लोगों की नेचुरल इम्युनिटी विकसित हो गई.
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