डीएनए हिंदी: आज हिंदी दिवस है. हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है. सिर्फ आज ही नहीं पूरे सितंबर महीने हिंदी भाषा को सेलिब्रेट करने की परंपरा है. ऐसे में अगर हमारे ही देश में एक राज्य में हिंदी दिवस ना मनाया जाए तो! एक राज्य में हिंदी दिवस मनाए जाने का ही विरोध हो तो? हिंदा को अपनी भाषा मानने पर ही सवाल हों तो? इन सवालों के जवाब में लंबा विचार-विमर्श हो सकता है, लेकिन आज के दिन का सच ये है कि कर्नाटक में हिंदी दिवस मनाए जाने को लेकर विरोध तेज हो गया है. जानते हैं क्यों नहीं मनाया जा रहा है कर्नाटक में हिंदी दिवस, क्या है पूरा मामला
हिंदी दिवस ना मनाने का आग्रह
भारत के दक्षिण भारतीय राज्यों में हिंदी को लेकर अक्सर ही विरोध होता रहा है. इस साल यह विरोध काफी बढ़ गया है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और JD(S) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने हिंदी दिवस से पहले ही इस दिन के विरोध में एक बड़ा बयान दिया था.उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखकर राज्य सरकार से 'हिंदी दिवस' नहीं मनाने का आग्रह किया था.
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क्या है हिंदी दिवस ना मनाने का तर्क
कुमारस्वामी का कहना है कि हिंदी दिवस मनाया जाना कर्नाटक के लोगों के साथ जबरदस्ती है. वह मुख्य रूप से कन्नड़ बोलते हैं. हिंदी दिवस का सेलिब्रेश करना उनके साथ अन्याय है. उन्होंने अपने खत में यहां तक आग्रह किया कि कर्नाटक सरकार को बिना किसी कारण के राज्य के करदाताओं के पैसे का उपयोग करके हिंदी दिवस नहीं मनाना चाहिए.
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क्या आज मनाया जा रहा है कर्नाटक में हिंदी दिवस?
अब कुमारस्वामी के इस आग्रह का असर भी देखने को मिल रहा है. कर्नाटक में जगह-जगह हिंदी दिवस के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. विधानसभा में गांधी प्रतिमा के पास जेडीएस नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. जेडीएस नेता कन्नडवे सत्य कन्नडवे नित्य गीत गाते हुए हिंदी दिवस मनाने का विरोध कर रहे हैं. यही नहीं जगह-जगह कन्नड़ शॉल पहनकर और कन्नड़ नेमप्लेट पकड़कर भी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
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