डीएनए हिंदी: बाइक टैक्सी काफी सस्ता और आसान तरीका है जिससे आप एक जगह से दूसरी जगह पर कम खर्च में पहुंच सकते हैं. कैब सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां जैसे कि Ola, Uber और Rapido देश की राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में बाइक टैक्सी की सर्विस देती हैं. अब दिल्ली में बाइक टैक्सी पर रोक लगा दी गई है. दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में बाइक टैक्सी सर्विस चलाने की अनुमति दे दी थी. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के इस फैसले पर रोक लगाते हुए साफ कर दिया है कि दिल्ली में बाइक टैक्सी नहीं चलेंगी.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने सोमवार को इस मामले पर अपना फैसला सुनाया. इससे पहले हाई कोर्ट ने कहा था कि जब तक दिल्ली सरकार नई नीति बनाए तब तक बाइक टैक्सी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे. अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में दिल्ली सरकार जुलाई महीने के अंत से पहले-पहले अपनी नीति जारी कर दे. आइए समझते हैं क्या है ये पूरा मामला..
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कैसे शुरू हुआ विवाद?
इस साल की शुरुआत में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने बाइक टैक्सी की सेवाओं पर रोक लगा दी. दिल्ली सरकार ने सख्त आदेश जारी किया कि बाइक टैक्सी चलाने पर एग्रीगेटर्स को ऊपर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. कैब सर्विस प्रोवाइडर कंपनी रैपिडो ने दिल्ली हाई कोर्ट में सरकार के इस फैसले को चुनौती दी.
रैपिडो समेत अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने 26 मई को दिल्ली सरकार को एक नोटिस जारी किया. हाई कोर्ट ने अपने नोटिस में कहा कि जब तक कि दिल्ली सरकार अपनी अंतरिम नीति जारी न कर दे तब तक के लिए बाइक टैक्सी चलाने की अनुमति दी जाए और उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए.
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बाइक टैक्सी से क्या है दिक्कत?
दिल्ली सरकार का कहना है कि उसकी दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर स्कीम 2023 को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है. उसका तर्क यह है कि बिना जरूरी शर्तें पूरी किए बाइक टैक्सी चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. इन जरूरी शर्तों में सभी बाइक का पुलिस वेरिफिकेशन, उसमें GPS डिवाइस, पैनिक बटन और सुरक्षा से जुड़े अन्य इंतजाम शामिल हों.
दूसरी समस्या यह है कि ज्यादातर बाइक राइडर प्राइवेट नंबर की बाइक का इस्तेमाल करते हैं. दिल्ली सरकार का कहना है कि यह पूरी तरह से कमर्शियल काम है और प्राइवेट नंबर की बाइक का कमर्शियल इस्तेमाल करना मोटर व्हीकल ऐक्ट, 1988 का उल्लंघन है. दिल्ली सरकार ने इसी कानून की धारा 93 का हवाला देते हुए नोटिस जारी किया था कि नियमों का उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा.
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