लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में राहुल गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. वायनाड के साथ जब उन्होंने अपनी मां की सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की, तभी से यह सवाल चल रहा था कि आखिर राहुल अपने पास कौन सी सीट रखेंगे. अब स्पष्ट हो गया है कि रायबरेली के सांसद राहुल गांधी हैं और वायनाड से उपचुनाव में प्रियंका गांधी अपना डेब्यू करेंगी. उत्तर प्रदेश और सुदूर केरल की दो सीट पर पार्टी के शीर्ष परिवार के भाई-बहन की चुनावी राजनीति भविष्य के संकेत स्पष्ट करती है.
उत्तर प्रदेश से लेकर दक्षिण तक कांग्रेस की राजनीति
उत्तर प्रदेश में खास तौर पर इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने काफी मेहनत की और प्रचार की कमान प्रियंका गांधी ने संभाली थी. यूपी में गठबंधन का प्रदर्शन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों के लिए उत्साहजनक है. अब राहुल गांधी के रायबरेली सीट रखने के साथ स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस का पूरा फोकस उत्तर प्रदेश से लेकर दक्षिण के राज्यों तक संगठन को मजबूत करने पर है. पार्टी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश को प्राथमिकता देती रहेगी.
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वायनाड से प्रियंका को उतारकर इमोशनल रिश्ता जोड़ने की कोशिश
2019 में वायनाड से ही राहुल गांधी जीतकर संसद पहुंचे थे, क्योंकि अपनी पुश्तैनी अमेठी की सीट से उन्हें हार मिली थी. वायनाड की जनता ने उन पर भरोसा जताया और बड़ी जीत के साथ संसद पहुंचे थे. 2024 में जब उन्होंने दोबारा वायनाड से पर्चा भरा, तो उन्होंने केरल के लिए अपना प्यार जताते हुए कहा था कि आप लोग मेरे लिए प्रियंका की तरह हैं. केरल और वायनाड मेरे परिवार के जैसा ही है.
ऐसे में केरल में आने वाले विधानसभा चुनाव और पार्टी के मजबूत वोट बैंक को देखते हुए कांग्रेस प्रियंका का चुनावी डेब्यू यहीं से करवा रही है. इससे दक्षिण भारत भी कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए अहम है, यह संदेश देने की कोशिश है.
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सरकार बनाने की जल्दबाजी में नहीं है कांग्रेस?
कांग्रेस ने इन दोनों कदम से यह भी स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल सरकार बनाने की किसी जल्दबाजी में नहीं है. पार्टी अपना पूरा ध्यान आने वाले राज्यों के विधानसभा चुनाव पर लगाना चाहती है. इसके अलावा, भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए पार्टी पूर्वोत्तर से लेकर उत्तर प्रदेश तक और सुदूर दक्षिण के राज्यों में खुद को मजबूत करने में जुटी है.
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