Mahsa Amini की मौत पर क्यों मचा है बवाल? ईरान में हिजाब को लेकर क्या है कानून

Written By कुलदीप सिंह | Updated: Sep 21, 2022, 03:55 PM IST

Hijab Row: ईरान में हिजाब विवाद को लेकर हंगामा मचा हुआ है. महसा अमीनी की मौत के बाद आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है. 

डीएनए हिंदी: ईरान में 22 साल की महसा अमीनी (Mahsa Amini) की मौत पर इन दिनों खूब बवाल मचा हुआ है. महसा को ठीक तरीके से हिजाब ना पहनने पर हिरासत में लिया गया था. हिरासत में उसकी मौत के बाद ईरान में जमकर हंगामा हो रहा है. आरोप है कि उसे पुलिस ने इतना टॉर्चर किया कि उसकी जान चली गई. महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में महिलाओं ने हिजाब को लेकर आंदोलन कर दिया है. वे हिजाब उतारकर उन्हें जला रही हैं, बालों को काट रही हैं. महिलाएं सड़कों पर बगैर हिजाब निकल आईं और सरकार विरोध नारे (Protests) लगाने लगीं. इसके वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. 

आंदोलन ने कैसे पकड़ी रफ्तार?  
महसा अमीनी को ईरान पुलिस ने हिजाब ठीक से पहनने को ना लेकर हिरासत में लिया था. महसा अमीनी के कई फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए जिनमें उसके चेहरे और शरीर पर चोट के कई निशान थे. उसकी पुलिस हिरासत में मौत हो गई. इसके बाद ईरान में तमाम लोगों ने ड्रेस कोड और उससे जुड़े कानूनों की आड़ में महिलाओं को हिरासत में लेकर उनके उत्पीड़न की बातें शुरू कर दीं. पूरे मामले में पुलिस ने जब जिम्मेदारी लेने से इनकार दिया तो आंदोलन तेज हो गया. महसा अमीनी की मौत के बाद सबसे पहले आंदोलकारी तेहरान के बाहरी इलाके में स्थित कासरा अस्पताल के बाहर एकत्रित हुए. यहीं मसहा को भर्ती कराया गया था. इसके बाद पूरे तेहरान में विरोध प्रदर्शन फैल गया. अमीनी साकेज शहर की रहने वाली थी. यहां भी प्रदर्शन तेज हो गए. पुलिस ने अंतिम संस्कार के वक्त लोगों की सीमित संख्या तय की थी लेकिन इसके बावजूद हजारों की संख्या में लोग उसकी कब्र के पास पहुंच गए. तेहरान यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ऑफ फाइन आर्ट्स में भी सौ से अधिक छात्रों ने शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराया.  

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कौन थी महसा अमीनी? 
मसहा अमीनी ईरान के पश्चिमी प्रांत कुर्दिस्तान के साकेज शहर की रहने वाली थी. उसे जिना के नाम से भी जाना जाता था. महसा की मां ने एक ईरानी मीडिया हाउस को बताया कि उनकी बेटी ने ड्रेस कोड से जुड़े कानून के अनुरूप ही पोशाक पहन रखी थी. महसा को हिरासत में ले पुलिस उन्हें डिटेंशन सेंटर ले गई, जहां भाई की मौजूदगी में उससे पूछताछ की गई. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिसिया पूछताछ के दौरान भीतर से महसा के चीखने-चिल्लाने की आवाज आई. इसके कुछ देर बाद ही एंबुलेंस आई, जिसके जरिये महसा को अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में लिए गए वीडियो और फोटो में दिख रहा है कि महसा के मुंह में ट्यूब पड़े हुए हैं और उसके कानों से खून रिस रहा है. महसा की आंखों के आसपास भी चोट के निशान देखने को मिले. इसके बाद महसा के अस्पताल वाले वीडियो और फोटो देखते ही देखते वायरल हो गए. ईरान के सुरक्षा बलों ने इस बीच एक बयान जारी कर कहा कि पूछताछ के दौरान अचानक महसा अमीनी गिर पड़ी और उसके बाद उसे दिल का दौरा पड़ गया.

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ईरान में हिजाब को लेकर क्या है कानून?  
ईरान में 1978-79 में इस्लामिक क्रांति के बाद 1981 में सभी महिलाओं के लिए अनिवार्य हिजाब कानून पारित किया गया. ईरान में इस्लामिक पेनल कोड के तहत ऐसे मामलों में सजा का प्रवाधान है. आईपीसी (इस्लामिक पेनल कोड)  की धारा 638 के तहत अगर कोई महिला सार्वजनिक जीवन, सड़कों पर किसी भी तरह से बिना हिजाब के निकलती है तो यह अपराध माना जाएगा. ईरान ऐसे मामलों को लेकर कितना कट्टर है इसे इसी से समझा जा सकता है कि वह सार्वजनिक परिवहन में फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी को लागू करने पर विचार कर रहा है जिससे हिजाब ना पहनने वाली महिलाओं की पहचान की जा सके. 

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