डीएनए हिंदी: बीते कुछ सालों की तरह इस साल भी अमेरिका में गोलीबारी की घटनाएं जारी हैं. तमाम कोशिशों के बावजूद कभी भी, कहीं भी गोलीबारी की घटनाएं हो रही हैं. बीते कई दशकों से अमेरिका में बदूंकधारी आम लोगों के हमलों में लोगों की जानें जा रही हैं. इसी के चलते अमेरिका में 'गन कल्चर' का नाम दे दिया गया है. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 50 सालों में 15 लाख से ज्यादा अमेरिकी लोगों की जान इस गन कल्चर ने ली है. इसके बावजूद, हथियारों से जुड़े कानूनों में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला है. अभी भी अमेरिका के कई राज्यों में हथियार खरीदना बेहद आसान है जबकि भारत जैसे देश में हथियार खरीदना और उसके लिए लाइसेंस लेना अभी भी टेढ़ी खीर माना जाता है.
अमेरिका के गन कल्चर को रोकने के लिए जून 2022 में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बिल पर दस्तखत भी किए थे. इस कानून में बंदूक खरीदारों के रिकॉर्ड चेक करने, हथियार वापस लेने और कई अन्य प्रोग्राम चलाने की योजना बनाई गई थी. हालांकि, इसके एक साल भी हालात जस के तस बने हुए हैं. इस बिल पर हस्ताक्षर करते हुए जो बाइडन ने कहा था, 'यह कानून लोगों की जान बचाने में काफी मदद करेगा. सिर्फ इतना काफी नहीं है, मैं जानता हूं अभी बहुत कुछ करना है और मैं वो सब भी करूंगा. मैं हार मानने वाला नहीं हूं.'
क्या है अमेरिका का गन कल्चर?
अमेरिका में बंदूक से होने वाली हिंसा एक बड़ी समस्या है. अमेरिका में गन कल्चर से संबंधित हिंसा के मामले बेहद आम और काफी ज्यादा संख्या में हैं. यहां बंदूकों का व्यापार भी बेहद फल-फूल रहा है. साल 1791 में अमेरिका के संविधान में दूसरा संशोधन लागू हुआ था. इसके तहत अमेरिकी नागरिकों को हथियार रखने के अधिकार दिए गए थे. तब से ही हथियार खरीदना बेहद आसान हो गया है और उसकी उपलब्धता भी बढ़ गई है.
यह भी पढ़ें- क्या दिल्ली में फिर से लगने वाला है लॉकडाउन? इस बार यह चीज बन सकती है वजह
सीडीसी रिपोर्ट 2020 में दावा किया गया है कि अमेरिका में कुल 79 फीसदी अपराध हथियार की वजह से होते हैं. वहीं, कनाडा में गन कल्चर की वजह से 37 फीसदी अपराध होते हैं. ऑस्ट्रेलिया में यह आंकड़ा 13 फीसदी है औऱ ब्रिटेन में यह दर महज 4 फीसदी है. यही वजह है कि बीते कुछ सालों में यूरोपीय देश लोगों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं.
लोगों से ज्यादा बंदूकें
अमेरिका में हर वीकेंड पर बंदूकों की प्रदर्शनी लगती है. वॉलमार्ट जैसी बड़ी कंपनियों के आउटलेट से लेकर छोटी दुकानों पर भी बंदूकें मिल जाती हैं. यही वजह है कि पिछले 50 सालों में 15 लाख से ज्यादा लोग बंदूक से हुए हमलों में अपनी जान गंवा चुके हैं. अमेरिका के ABC न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश की जनसंख्या लगभग 33 करोड़ है लेकिन हथियारों की संख्या 40 करोड़ तक पहुंच गई है.
यह भी पढ़ें- अग्निवीर के शहीद होने पर पैसे मिलेंगे या नहीं? सेना ने बता दी पूरी सच्चाई
अमेरिका के नियमों के मुताबिक, राइफल या छोटी बंदूकें खरीदने के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 18 साल है और बाकी के हथिारों के लिए 21 साल है. जैसे सिमकार्ड खरीदे जाते हैं, ठीक वैसे ही अपना आईडी कार्ड दिखाकर, फॉर्म भरकर बंदूकें खरीदी जा सकती हैं. अमेरिका में बंदूक बनाने वाली कंपनियां भी बहुतायत में हैं और वहां की सत्ता भी हथियार रखने के अधिकार के पक्ष में है इसलिए हथियारों की संख्या में कमी नहीं आ रही है. बड़ी वजह यह भी है कि इससे हर साल 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार भी होता है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.