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AK-47 से भी खरतनाक Rifle से की गई मूसेवाला की हत्या, जानें डिटेल

Sidhu Moose Wala Murder में रूस के एए-94 राइफल के इस्तेमाल की बात सामने आई है. यह ऑटोमैटिक असॉल्ट राइफल एके-47 से भी ज्यादा पावरफुल मानी जाती है. 

रूस में बनी यह असॉल्ट राइफल एके-47 से भी ज्यादा घातक है. महज चंद सेकेंड्स में यह राइफल सैकड़ों गोलियां दाग सकती है. रूस ने इस राइफल को दुश्मन पर सटीक वार करने की क्षमता और एके-47 से भी आधुनिक और मारक राइफल की महत्वाकांक्षी सोच के साथ तैयार किया है. इस राइफल की ताकत का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि गोली इससे बुलेट से भी ज्यादा स्पीड से निशाने पर वार करती है. आगे जानें इस विध्वंसक राइफल की क्या है खासियत 

1.बर्स्ट फायर में दो गोलियां साथ निकलती है

बर्स्ट फायर में दो गोलियां साथ निकलती है
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एएन-94 राइफल को रूस ने एके-47 राइफल से रिप्लेस किया था. हालांकि अभी यह कम इस्तेमाल होती है. इस राइफल की खास बात यह है कि बर्स्ट फायर करते वक्त इससे दो गोलियां एक साथ निकलती हैं। इन गोलियों के निकलने के बीच चंद माइक्रो सेकेंड्स का अंतर होता है. इसी वजह से सामने वाले को एक साथ दो गोलियां लगती हैं. एक साथ निकली दो गोलियां दुश्मन पर माइक्रो सेंकेड में हमला करती हैं और फिर इसके घात से बच पाना लगभग नामुमकिन है.



2.रूस का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट था यह राइफल

रूस का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट था यह राइफल
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एन-94 राइफल से पहले एके-47 का जलवा था. रूस की कोशिश युद्ध क्षेत्र में दुश्मनों को मात देने के लिए एके-47 से भी ज्यादा ताकतवर और विध्वसंक राइफल बनाने की थी. इसी सोच के साथ इस राइफल को बनाने की योजना ने आकार लिया और इसकी शुरुआत हुई थी. 
 



3.90 के शुरुआत सालों में किया गया था डिजाइन

90 के शुरुआत सालों में किया गया था डिजाइन
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एवतोमैत निकोनोव (Avtomat Nikonova) यानी एएन-94 को 80 के दशक से 90 के दशक के शुरुआती सालों के बीच डिजाइन किया गया था. गेनाडी निकोनोव इसके मुख्य डिजाइनर हैं जिनहोंने निकोनोव मशीनगन बनाई थी. रूस में 1997 से इस असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल हो रहा है. 
 



4.एके-47 से कितनी अलग है यह राइफल

एके-47 से कितनी अलग है यह राइफल
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इस राइफल में 30 से 45 राउंड की बॉक्स मैगजीन लगती है. साथ ही 60 राउंड की कैस्केट मैगजीन का भी इस्तेमाल होता है. हालांकि आर्म्ड फोर्सेज के बीच यह एके-47 जैसी जगह नहीं बना पाई है. अभी रूस में इसका इस्तेमाल गृह मंत्रालय में आने वाले सैन्य बल, आर्मी और पुलिस कर रही है. 



5.बिजली की तेजी से हर मिनट 600 राउंड बर्स्ट फायर

बिजली की तेजी से हर मिनट 600 राउंड बर्स्ट फायर
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पूरी तरह से ऑटोमैटिक मोड में इस रूसी राइफल से हर मिनट 900 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से 600 राउंड गोलियां निकलती हैं. 700 मीटर फायरिंग रेंज वाली एएन-94 से बर्स्ट मोड में 1800 गोलियां दागी जा सकती हैं. हालांकि, इसकी डिजाइन काफी जटिल है और इसे एके-47 की तरह प्रयोग नहीं किया जा सकता है.



6.सेना में आज भी एके-47 की ही धूम 

सेना में आज भी एके-47 की ही धूम 
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एन-94 राइफल की ताकत और खासियत के बावजूद सेना के बेड़े में इसकी लोकप्रियता एके-47 जैसी नहीं बन सकी है. इसकी वजह है कि इसका डिजाइन जटिल है और सैन्यकर्मियों के लिए युद्ध या कॉम्बैट ऑपरेशन में एके-47 को रखना और चलाना ज्यादा सहज है. मूसेवाला की हत्या के लिए इस्तेमाल की गई राइफल को बरामद कर लिया गया है. पुलिस फिलहाल इसकी जांच कर रही है क्योंकि अमूमन गैंगस्टर भी एके-47 या एके-57 जैसे हथियारों का इस्तेमाल करते हैं.

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