World Population: 15 नवंबर को दुनिया की आबादी हो जाएगी 8 अरब, क्या कहता है माल्थस का सिद्धांत?

Population: संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया के 8 अरबवें बच्चे का जन्म होगा और जनसंख्या 8 अरब हो जाएगी.

डीएनए हिंदी: पूरी दुनिया की आबादी जल्द ही 8 अरब होने वाली है. 15 नवंबर को यह आंकड़ा पार हो जाएगा. संयुक्त राष्ट्र ने इसके लिए काउंट डाउन भी शुरू कर दिया है. जनसंख्या (World Population) में सबसे बड़ा योगदान भारत और चीन जैसे देशों का है. कहा जा रहा है कि अगले ही साल भारत जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा और सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाएगा. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के मुताबिक, 7 अरब से 8 अरब जनसंख्या होने में कुल 12 साल लगे हैं. वहीं, इसे 8 अरब से 9 अरब होने में 15 साल लग सकते हैं क्योंकि जनसंख्या वृद्धि की दर कम हुई है.

किस रफ्तार से बढ़ रही है जनसंख्या?

वैश्विक स्तर पर आबादी बढ़ने की दर साल 2020 की तुलना में एक प्रतिशत कम हुई है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2080 में दुनिया की आबादी पीक पर पहुंचेगी और साल 2100 से जनसंख्या में गिरावट शुरू हो जाएगी. यह भी अनुमान है कि साल 2023 में भारत सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाएगा.

माल्थस का जनसंख्या सिद्धांत क्या है?

ब्रिटेन के अर्थशास्त्री थॉमस रॉबर्ट माल्थस ने जनसंख्या पर एक सिद्धांत पेश किया था जिसे उनके नाम से ही जाना जाता है. माल्थस के मुताबिक, जनसंख्या दोगुनी रफ्तार से बढ़ती है जबकि संसाधनों में सामान्य रफ्तार से ही बढ़ोतरी होती है. उदाहरण के लिए- अगर जनसंख्या 2 से बढ़कर 4 और 4 से बढ़कर 8 होगी तो संसाधन 2 से बढ़कर 3 और 3 से बढ़कर 4 ही होंगे. इसका नतीजा यह होगा कि हर 25 साल में जनसंख्या दोगुनी हो जाएगी. 

जनसंख्या बढ़ने से क्या है नुकसान?

माल्थस के सिद्धांत के मुताबिक, जनसंख्या तेजी से बढ़ने से संसाधन कम होने लगते हैं. इससे खाने-पीने की चीजों और प्राकृतिक संसाधनों पर भी जोर पड़ने लगता है. माल्थस कहते हैं कि इस स्थिति में जनसंख्या नियंत्रण के लिए सकारात्मक उपाय अपने आप होते हैं. उदाहरण के लिए- अकाल, महामारी, युद्ध और प्राकृतिक आपदा जैसी चीजें जनसंख्या को प्रभावित करती हैं. हालांकि, कई मामलों में माल्थस के सिद्धांत की आलोचना भी की जाती है.

क्यों बढ़ रही है जनसंख्या?

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, चिकित्सा और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विकास होने से पब्लिक हेल्थ, न्यूट्रीशन, हाइजीन और दवाओं की उपलब्ध आसान हुई है. इसकी वजह से महामारियां कम हुई हैं और लोग ज्यादा समय तक जिंदा रह पा रहे हैं. यह समय बढ़ने से मृत्यु दर कम हुई है और जिंदा बचने वाले लोगों की संख्या में भी अच्छा-खासा इजाफा हुआ है.

जनसंख्या बढ़ने की रफ्तार हुई कम

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, आबादी में बढ़ोतरी भले ही हो रही है लेकिन इसकी रफ्तार कम हुई है. 7 से 8 अरब जनसंख्या होने में 12 साल लगे हैं लेकिन 8 से 9 अरब होने में 15 साल लग जाएंगे. दुनिया की जनसंख्या साल 2037 तक 9 अरब पहुंचेगी.