डीएनए हिंदीः Indian Politics- भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commision of India) ने सोमवार यानी 10 अप्रैल की शाम को एक घोषणा के साथ ही भारतीय राजनीति में तहलका मचा दिया. चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) को राष्ट्रीय स्तर के दल का दर्जा दे दिया, जिससे महज 8 साल पुरानी यह पार्टी अब भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) की बराबरी की हो गई है. उधर, आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee), महाराष्ट्र के दिग्गज मराठा क्षत्रप शरद पवार (Sharad Pawar) और वामपंथियों की करारा झटका भी दे दिया है. आयोग ने राष्ट्रीय राजनीति में तीसरे मोर्चे का सरताज बनने का सपना देख रहे इनके दलों यानी तृणमूल कांग्रेस (TMC), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) का राष्ट्रीय दल का दर्जा छीन लिया है. आइये समझते हैं कि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा कैसे मिलता है, इसके क्या मानक हैं और क्या किसी दल के राष्ट्रीय स्तर का घोषित होने पर कोई अतिरिक्त लाभ मिलता है.
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तीन तरह की मान्यता देता है आयोग
चुनाव आयोग किसी भी दल के गठन के बाद उसे मान्यता देता है. इसके बाद ही वह दल चुनाव में भाग ले सकता है. यह मान्यता तीन तरह की है. राष्ट्रीय दल, राज्य स्तरीय दल और क्षेत्रीय दल. सोमवार सुबह तक देश में 7 राष्ट्रीय दल और 35 राज्य स्तर के दल थे, जबकि 350 से अधिक क्षेत्रीय दल थे. अब यह संख्या ऊपर-नीचे हो गई है.
राष्ट्रीय दल का दर्जा किसे मिल सकता है
चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय दल का दर्जा देने के लिए कुछ खास मानक तय किए हुए हैं. इन मानक में से किसी भी एक को पूरा करने वाली पार्टी को ही यह दर्जा दिया जा सकता है. ये मानक निम्न हैं-
- किसी दल को कम से कम तीन राज्यों में लोकसभा चुनाव के दौरान 3 फीसदी मत हासिल हों.
- कोई पार्टी 4 लोकसभा सीट जीत ले और साथ ही 4 राज्यो में 6 फीसदी मत भी चुनाव में हासिल कर ले.
- कम से कम 4 राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा हासिल करने वाली पार्टी भी राष्ट्रीय स्तर का दावा ठोक सकती है.
कैसे मिला है आप को राष्ट्रीय दर्जा
आम आदमी पार्टी की इस समय देश के दो राज्यों दिल्ली और पंजाब में पूर्ण बहुमत की सरकार है. इसके अलावा गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने 6 फीसदी वोट या 2 सीटें हासिल कर ली थीं. पिछले साल गुजरात विधानसभा चुनाव में भी आप ने 12.91% वोट और 5 सीट हासिल करते हुए अपना राष्ट्रीय दर्जा मिलना तय कर लिया था. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने उसी समय ट्वीट में इसके लिए गुजरात की जनता को धन्यवाद कहते हुए अपनी पार्टी के राष्ट्रीय स्तर की होने का ऐलान भी कर दिया था.
क्या होता है राष्ट्रीय दल बनने का लाभ
राष्ट्रीय दल को पूरे देश में एक ही चुनाव चिह्न आवंटित हो जाता है. इस चिह्न का उपयोग कोई अन्य दल नहीं कर सकता.
चुनाव में नामांकन दाखिल करने के दौरान उम्मीदवार के साथ महज एक प्रस्तावक होने पर भी मान्य किया जाता है.
चुनाव आयोग मतदाता सूची संशोधन पर दो सेट मुफ्त में देता है. साथ ही उम्मीदवारों को भी मतदाता सूची मुफ्त में देता है.
अब देश में कितनी राष्ट्रीय पार्टी हैं
देश की राष्ट्रीय पार्टियों में चुनाव आयोग की फेरबदल के बाद अब भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी (AAP) ही बची हैं.
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