Assam floods: असम में भीषण बाढ़ और भूस्खलन की वजह क्या है?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 22, 2022, 04:50 PM IST

बाढ़ और बारिश से बेहाल है असम. (फोटो-PTI)

Northeast India Floods: देश में अभी मॉनसून ने दस्तक भी नहीं दी है लेकिन असम तबाह हो गया है. असम में अब भीषण बाढ़ से 7 लाख लोग प्रभावित हैं.

डीएनए हिंदी: देश में जैसे ही मॉनसून (Monsoon) दस्तक देता है कुछ राज्य बुरी तरह से प्रभावित होते हैं. असम (Assam Floods) भी उन राज्यों में से एक है. मॉनसून (Pre Monsoon) की दस्तक से कई हफ्ते पहले ही असम का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ की चपेट में आ चुका है. डिमा हासाओ (Dima Hasao) में आई तबाही में करीब 15 लोग मारे गए हैं.

असम के इस हिस्से में भूस्खलन (Landslide) और बाढ़ (Floods) ने लोगों की जान निगल ली है. असम में कुल 7 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं वहीं हजारों लोग राहत शिविरों में हैं. आइए समझते हैं कि असम में मॉनसून से पहले आई बारिश और बारिश के बाद लगातार हो रहे भूस्खलन की वजह क्या है?

मौसम वैज्ञानिकों (Weather Experts) का कहना है कि असम में हुई बिन मौसम बरसात की वजह से हालात बुरे हुए हैं. प्री-मॉनसून बारिश ने त्रासदी ला दी है. असम में सामान्यतौर पर 1 मार्च से लेकर 20 मई तक औसतन बारिश 434.5 मिमी देखने को मिलती है. इस बार यह आंकड़ा 719 मिमी पर पहुंच गया है.

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मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि अतिरिक्त बारिश ही त्रासदी की वजह है जो औसत से 137 फीसदी ज्यादा है. सामान्यतौर पर असम में ऐसी स्थिति जून या जुलाई में बनती है. तब बाढ़ त्रासदी में तब्दील होती है. अभी हालात एकदम उलट हैं. बारिश के पैटर्न में ही बदलाव आया है.

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मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि असम और दूसरे राज्यों में बदलते मौसम और बाढ़ की स्थितियों की मुख्य वजह जलवायु परिवर्तन है. जलवायु परिवर्तन दस्तक दे चुका है जिसकी वजह से अनियमित बारिश हो रही है. यह चिंताजनक है क्योंकि पूर्वोत्तर में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की शुरुआत मई के अंत में हो रही है. 

असम में हालात सिर्फ बाढ़ की वजह से भयावह नहीं हुए हैं. दक्षिणी असम डिमा हासाओ और कछार जिलों में भूस्खलन की वजह से भी तबाही आई है. यही वजह है कि कई रेलवे ट्रैक उखड़ गए और असम के दक्षिणी हिस्से से देश का संपर्क कट गया. असम में आ रहे लगातार भूस्खलन की वजह क्या है?

असम में भूस्खलन नया नहीं है. जानकारों का कहना है कि पहाड़ियों पर बढ़ी हुई मानवीय दखल इस संकट के लिए जिम्मेदार है. बिना किसी ठोस रणनीति के निर्माण करना लैंडस्लाइड के प्रमुख वजहों में से एक है. यही वजह है कि भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं.

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लामडिंग-बदरपुर रेलवे लाइन भूस्खलन की वजह से बुरी तरह प्रभावित है. यह सेंट्रल असम को को लामडिंग से जोड़ती है. डिमा हासाओ से होकर यह रेलवे ट्रैक गुजरता है. इसका विस्तार साल 2015 में हुआ था. प्रोजेक्ट की शुरुआत 1997 में हुई थी लेकिन निर्माण की प्रक्रिया बेहद धीमी थी. जब तेजी आई तो हादसों में भी तेजी आई.

भूस्खलन के लिए जिम्मेदार हैं कई फैक्टर

डीमा हासाओ में हाल के दिनों में जिले में जैसे सड़कों का निर्माण तेजी से बढ़ा है. कई तरह की परियोजनाओं को शुरू किया गया है. रेलवे लाइन प्रोजेक्ट की शुरुआत और हाईवे के निर्माण के लिए वनों की कटाई की जा रही है. पहाड़ियां तोड़ी गई हैं. अधिकारियों की संलिप्तता की वजह से बड़े पैमाने पर नदी के किनारे अवैध खनन भी किया गया है.

जानकारों का कहना है कि कई झरनों को निर्माण की वजह से नुकसान पहुंचा है. कई सड़कें धंसी हैं. जल्दबाजी में किए गए निर्माण की वजह से भौगोलिक परिस्थितियों को नजरअंदाज किया गया है. असम में लगातार बढ़ रही भूस्खलन की घटनाओं की एक वजह यह भी है.

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