डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी के रामपुर विधायक आजम खान की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. नेशनल बिल्डिंग कोड (National Building Code) का गलत सर्टिफिकेट देने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सपा विधायक को दोषी पाया है. कोर्ट ने आजम खान के खिलाफ वारंट जारी कर दिया है. समझिए क्या होता है नेशनल बिल्डिंग कोड और कैसे इसमें गलत जानकारी देकर फंसे सपा विधायक.
यह है पूरा मामला
दरअसल आजम परिवार ने अनाथालय की जमीन पर न सिर्फ रामपुर पब्लिक स्कूल बनाया बल्कि एक स्कूल के कागजों पर तीन स्कूल की मान्यता भी ली थी. यही नहीं, नेशनल बिल्डिंग कोड का सर्टिफिकेट भी गलत पेश किया था.
क्या होता है नेशनल बिल्डिंग कोड
नेशनल बिल्डिंग कोड शैक्षिक, रिहायशी और खतरनाक श्रेणी में आने वाली इमारतों के निर्माण के ढांचे तय करने के लिए गाइडलाइंस मुहैया कराता है. यही नहीं, कंस्ट्रक्शन की गुणवत्ता और लोगों की सुरक्षा के लिए एनबीसी की गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी है. आजम खान ने रामपुर पब्लिक स्कूल की मान्यता के लिए नेशनल बिल्डिंग कोड का गलत सर्टिफिकेट पेश किया था. इस मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया है.
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अब आजम का बाहर निकलना हुआ और मुश्किल
एमपी-एमएलए कोर्ट के वारंट के बाद आजम खान का फिलहाल सीतापुर जेल से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. बता दें कि आज ही सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मामले को लेकर हाई कोर्ट के रूख पर नाराजगी जताई थी. हालांकि, अब एमपी-एमएलए कोर्ट के दोषी करार देने के बाद एसपी विधायक का बाहर निकलने का रास्ता और कठिन हो गया है.
बीजेपी नेता की अपील पर हुई दोबारा जांच
2020 में इस केस में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. जांच के आगे बढ़ने पर आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने इस मामले की दोबारा जांच की मांग की थी. दोबारा जांच में नेशनल बिल्डिंग कोड का सर्टिफिकेट गलत निकला है. नेशनल बिल्डिंग कोड का सर्टिफिकेट जारी करने वाले अधिकारी ने कहा है कि सर्टिफिकेट उन्होंने जारी नहीं किया है. इस मामले में कोर्ट ने आजम खान को दोषी माना है. शनल बिल्डिंग कोड मामले में आजम खान के खिलाफ 467, 468, 471, 420 और 120 बी की धाराएं बढ़ाई गई हैं. इस मामले की शिकायत भाजपा नेता ने 2020 में की थी.
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