Breaststroke Swimming क्या होती है? तैराकी के बाकी शैलियों से क्या है अंतर? जानिए क्यों कम हो जाती है स्पीड

Written By नीलेश मिश्र | Updated: Jul 19, 2022, 07:14 PM IST

तैराकी में भी होते हैं अलग-अलग टाइप

Breaststroke Swimming Style: ओलंपिक खेलों से लेकर स्थानीय खेलों में भी तैराकी का स्थान काफी अहम माना जाता है. इस खेल के लिए सिर्फ़ पानी की ज़रूरत होती है इसीलिए इसे काफी पसंद भी किया जाता है.

डीएनए हिंदी: तैराकी एक बेहद ऊर्जावान खेल है. यह खेल दुनिया के सबसे बड़े खेल टूर्नामेंट ओलंपिक (Olyampic) से लेकर स्थानीय स्तर तक खेला जाता है. हालांकि, तैराकी (Swimming) भी कई तरह की होती है. उदाहरण के तौर पर- फ्री स्टाइल, बटरफ्लाई, ब्रेस्टस्ट्रोक (Breaststroke Swimming), बैक स्ट्रोक, साइड स्ट्रोक आदि. इन सबमें तैरने के तरीके और टेक्नीक में थोड़ा बहुत अंतर होता है. प्रतियोगिताओं में भी हर तैराकी को अलग-अलग रखा जाता है. हर तैराकी की प्रतियोगिता भी अलग तरीके से ही होती है. इन तैराकियों में शरीर का इस्तेमाल अलग-अलग तरीके से होने की वजह से इनके फायदे भी अलग होते हैं.

जैसा कि इनके नामों से ही स्पष्ट है, इनमें शरीर के अंगो का इस्तेमाल अलग तरीके से होता है. जैसे फ्री स्टाइल में आप किसी भी तरीके से तैर सकते हैं. ब्रेस्टस्ट्रोक में आप सीने से जोर लगाते हैं, बटरफ्लाई में पूरे शरीर का इस्तेमाल होता है और साइड स्ट्रोक में एक हाथ हमेशा पानी में होता है और तैराक दूसरे हाथ का इस्तेमाल करते हुए तैरते हैं. आइए समझते हैं कि इन तैराकियों में क्या-क्या अंतर होता है...

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Breaststroke Swimming
इसमें तैराक अपने सीने के बल तैरते हैं और बाकी का धड़ बहुत कम गतिविधि करता है. इसमें सिर लगभग पानी से बाहर ही होता है और हाथ और पैर को इस तरह से इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि मेंढक पानी में तैरते हैं. बाकी की तैराकी शैलियों के हिसाब से देखें तो इसमें तैराक की रफ्तार सबसे कम होती है. इसमें तेज रफ्तार के लिए पैर और कूल्हों का मजबूत होना ज़रूरी होता है. इसमें जिस तरह किक लगाई जाती है उसे देखकर ही इसे ब्रेस्टस्ट्रोक तैराकी कहा जाता है. तैराक का शरीर सीधा रहता है और हाथ और पैर को मेंढ़क की तरह चलाकर ही तैरना होता है.

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बैकस्ट्रोक तैराकी
इसमें पीठ के बल लेटकर पानी पर तैरना होता है. पीठ के बल लेटने के बाद तैराक अपने हाथ और पैर को चलाते हुए ऐसे तैरते हैं जैसे नाव में चप्पू चलाया जा रहा हो. हाथ और पैर की मूवमेंट इसमें भी फ्रीस्टाइल की तरह ही होती है बस इसमें अंतर इतना होता है कि आप पीठ के बल लेटकर तैरते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि पीठ की समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए यह काफी फायदेमंद होती है.

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