Chandrayaan-3 लॉन्च के लिए तैयार, ISRO के इस मिशन के पीछे किसका है दिमाग?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 07, 2023, 06:02 PM IST

P Veeramuthuvel, IIT Madras से ग्रेजुएट हैं.

ISRO के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-3 के शिल्पकार पी वीरमुथुवेल हैं. उन्होंने अपनी जान इस प्रोजेक्ट में झोंक दी है.यह मिशन 14 जुलाई को लॉन्च होने वाला है.

डीएनए हिंदी: भारत एक बार फिर अंतरिक्ष में इतिहास रचने के लिए तैयार है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-3 की तैयारियां पूरी हो गई हैं. चंद्रमा के अनसुलझे रहस्यों को सुलझाने के लिए भारतीय चंद्रयान-3 लॉन्च होने वाला है. 

14 जुलाई को चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण होने वाला है. दुनिया चंद्रयान-3 की चर्चा कर रही है लेकिन क्या आपको पता है कि इस महत्वाकांक्षी मिशन के पीछे किसका दिमाग है. अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं कौन है जिसकी वजह से यह मिशन, पूरा हो सका. यह पूरा प्रोजेक्ट इसरो वैज्ञानिक पी वीरमुथुवेल के दिमाग की उपज है. वह IIT मद्रास से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं.

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कौन हैं पी वीरमुथुवेल?

ISRO के वैज्ञानिक वीरमुथुवेल तमिलनाडु के विल्लुपुरम क्षेत्र के मूल निवासी हैं. वह इसरो में सीनियर साइंटिस्ट हैं. वह चंद्रयान 3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं. स्पेस टेक्नोलॉजी की दुनिया में उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी बिताई है. वह अपने फील्ड के महारथी हैं. 

वीरमुथुवेल ने 7 सितंबर को चंद्रयान मिशन डायरेक्टर का पद संभाला था. उन्होंने एम वनिता को रिप्लेस किया था. 22 जुलाई 2019 को चंद्रयान-2 लैंडर चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिंग में फेल हो गया था. स्पेस एजेंसी के लिए यह बड़ा झटका था.

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चंद्रयान 3 मिशन के प्रभारी होने के अलावा, वीरमुथुवेल ने चंद्रयान 2 मिशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. परियोजना के पीछे की संभावनाओं और विज्ञान पर नासा के साथ इन्होंने बातचीत की थी. ऐसा माना जा रहा था कि यह प्रोजेक्ट बेहद सफल होगा लेकिन देश के इस महत्वाकांक्षी मिशन को झटका लगा था.

भारत को इस मिशन से है बेहद उम्मीद

चंद्रमा पर भारत का दूसरा मिशन चंद्रयान-2, 22 जुलाई, 2019 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था. 6 सितंबर की सुबह विक्रम मून लैंडर के चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मिशन फेल हो गया था.

अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ एस ने कहा है कि अंतरिक्ष एजेंसी 23 अगस्त या 24 अगस्त को लैंडर की सॉफ्ट-लैंडिंग की कोशिश करेगी. देश के इस महत्वाकांक्षी मिशन पर दुनियाभर की नजर है.

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