डीएनए हिंदी: खुफिया ठिकाने और जानकारी हासिल करने के लिए हनीट्रैप एक पुराना और आजमाया हुआ हथियार है. पिछले कुछ समय से पाकिस्तान और चीन ने ऑनलाइन हनीट्रैप का जाल बिछाना शुरू किया है. इसके रडार पर सेना के अधिकारी हैं. इनको निशाना बनाकर क्लासिफाइड इनफॉर्मेशन निकलवाने की जुगत में लगे हैं. जानते हैं क्या होता है हनीट्रैप और कैसे यह जाल बिछाया जाता है. कब-कब भारतीय अधिकारियों को इसमें फंसाया गया है, समझें यहां.
हनीट्रैप का इतिहास पुराना, विश्व युद्ध में भी हुआ है इस्तेमाल
हनीट्रैप दो शब्दों से मिलकर बना है- हनी और ट्रैप. हनी का मतलब शहद और ट्रैप का मतलब जाल होता है. आसान शब्दों में कहें तो दुश्मन को फंसाने के लिए हनीट्रैप का इस्तेमाल किया जाता है. आम तौर पर इसका शिकार पुरुषों को बनाया जाता है और इसके लिए किसी खूबसूरत महिला का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में ऐसा भी हुआ है कि कुछ अमीर और ताकतवर महिलाओं को भी हनीट्रैप का शिकार बनाया गया है. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान कहा जाता है कि हिटलर की नाजी सेना को फंसाने के लिए भी हनीट्रैप का इस्तेमाल हुआ था.
सोशल मीडिया के दौर में बदला हनीट्रैप का अंदाज
यूं तो हनीट्रैप का इतिहास पुराना है लेकिन पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया का इस्तेमाल खास तौर पर इसके लिए किया जाने लगा है. वॉट्सऐप कॉल, मैसेंजर वगैरह के जरिए लोगों को शिकार बनाया जाता है. वॉट्सऐप और फेसबुक के जरिए पहले शिकार बनाया जाता है और फिर ब्लैकमेलिंग शुरू होती है. हनीट्रैप के शिकार सिर्फ सेना के अधिकारी ही नहीं बनाए जाते हैं बल्कि अमीर और उम्रदराज अधिकारी भी इसके शिकार बनाए जाते हैं.
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भारतीयों को फंसाने के लिए चीन और पाकिस्तान चल रहे चाल
चीन और पाकिस्तान के जासूस खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए हर तरह की जुगत में लगे हैं. इनका पूरा फोकस क्लासिफाइड इनफॉर्मेशन और डेटा निकालने पर है. पिछले कुछ सालों में पाकिस्तानी एजेंट कई भारतीय सैनिकों को वर्चुअल दुनिया में हनीट्रैप में फंसाने के लिए जुटे हैं. यहां तक कि 2018 में भारतीय वायु सेना मुख्यालय में तैनात एक ग्रुप कैप्टन भी इसका शिकार बन चुके हैं.
भारतीय सेना के अधिकारियों के लिए खास निर्देश
हनीट्रैप की आशंका को देखते हुए सेना पिछले कुछ सालों से लगातार अपने कर्मियों को खास तरह के निर्देश देती आई है. उनसे ऑफिशियल वर्क के दौरान व्हाट्सएसप का इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया है. साथ ही संवेदनशील काम करते वक्त अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट को डिलीट करने का निर्देश दिया है. एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान और चीन की खुफिया एजेंसी घात लगाकर बैठी हैं. सैन्य कर्मियों को ऑनलाइन टारगेट किया जा रहा है. पिछले कुछ समय में ऐसे मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है.
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