Consumer Rights: दुकानदार नहीं सुनते बात या कंपनी की सर्विस से नहीं हैं संतुष्ट, तुरंत एक्शन के लिए ऐसे करें शिकायत

नेहा दुबे | Updated:May 03, 2022, 02:26 PM IST

एडवरटाइजिंग स्‍टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया

अगर आप कस्टमर हैं और आप किसी प्रोडक्ट से खुश नहीं हैं तो यहां जानिए आप कैसे और कहां शिकायत कर सकते हैं.इस बारे में पढ़िए अंबरीश पांडे की विशेष रिपोर्ट.

डीएनए हिंदी: उपभोक्ता के साथ किसी भी प्रकार की ठगी ना हो इसको लेकर विज्ञापनों की प्रमाणिकता की जांच करने वाली संस्था ‘एडवरटाइजिंग स्‍टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया' (ASCI) और भी ज्यादा सख्त हो गया है. एएससीआई (ASCI) ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 (Consumer Protection Act 2019) के तहत सभी विज्ञापनदाता, विज्ञापनकर्ताओं को भ्रामक जानकारी वाले प्रचार से बचने की सलाह दी है. दरअसल यह सख्त कदम उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों को लेकर उठाया गया है.

बढ़ती उपभोक्ता शिकायतों को लेकर सरकार का एक्शन प्लान 
 
- सरकार सभी शिकायतों को वर्गीकृत कर रही है.
- एक क्षेत्र या सेवा से जुड़ी शिकायत को इकठ्ठा कर एक मुश्त एक्शन की तैयारी 
- क्षेत्र विशेष से जुड़े उद्योगों, संस्था और संगठनों के साथ पूर्ण निपटान की कोशिश 
- फिलहाल 10 मई को App Based Taxi Aggregaters को बुलाया गया है
- Consumer Helpline, Social Media, Toll free number समेत सभी प्लेटफॉर्म से मिली शिकायत को इकठ्ठा कर सरकार ने सभी          संबंधित कंपनियों से जवाब मांगा है. 
- जल्द ही अन्य क्षेत्रों में मिली शिकायत पर भी एक्शन लिया जाएगा 


 
ग्राहकों के अधिकार

नए उपभोक्ता कानून में कई बड़े बदलाव किए गए हैं. नए उपभोक्ता कानून लागू होने के बाद कंपनियों और उनके विज्ञापन करने वाले कलाकारों की जवाबदेही पहले से ज्यादा हो गई है. ऐसे में उपभोक्ता अब पहले से ज्यादा सशक्त होकर खरीदारी कर सकते हैं. सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 (Consumer Protection Act, 2019) के ई-कॉमर्स कंपनियों को भी शामिल किया है. 
 
ग्राहकों के लिए 10 बड़ी बातें :

  1. कहीं भी दर्ज कर सकते हैं शिकायत- नए नियम के तहत अब उपभोक्ता किसी भी कमिशन में शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जबकि पहले ऐसा नहीं था. केस वहीं दर्ज होता था जहां सामान बनाने वाले या सर्विस देने कंपनी का दफ्तर होता था.
     
  2. सेलिब्रिटी को भी देना होगा जवाब- अब भ्रामक विज्ञापन करने पर सिलेब्रिटीज के लिए भी सजा और जुर्माने का प्रावधान लागू किया गया है. ऐसे में सेलिब्रिटीज अब सोच समझकर विज्ञापनों का चयन करेंगे. पहले भ्रामक विज्ञापनों के लिए सेलिब्रिटी की जवाबदेही तय नहीं थी. 
     
  3. ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां भी शामिल- नए कानून में ई-कॉमर्स कंपनियों को शामिल किया गया है. यानी अब ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों को उत्पाद या सेवा के लिए कस्टमर केयर के सहारे बैठने की ज़रूरत नहीं, अपनी शिकायत और जगह भी दर्ज कर सकते हैं. 
     
  4. विक्रेता भी दायरे में- अब बेचने वाला भी इस कानून के दायरे में होगा. अगर कोई दुकानदार सामान को तय एमआरपी (MRP) से ज्यादा पर बेच रहा है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई संभव है.
     
  5. मिलावट खोरी पर नकेल कसने की तैयारी- अब खाने की चीजों को भी इस कानून के दायरे में लाया गया है. यानी खाने-पीने की चीजों में मिलावट होने पर कंपनियों पर जुर्माना और जेल का प्रावधान है. मिलावट के मामले में 6 महीने की सजा, जबकि मिलावट के चलते ग्राहक की मौत पर उम्रकैद की सजा हो सकती है.
     
  6. ग्राहकों के लिए अब प्रोडक्ट लायबिलिटी- पहले किसी खराब उत्पाद पर सिर्फ उसकी तय रकम और थोड़ा हर्जाना मिलता था जो कई मामलों में तो तय ही नहीं थी. लेकिन अब इसका दायरा बढ़ाकर प्रोडक्ट लायबिल्टी तय कर दी गई है. 
     
  7. बड़े मामलों में जिला स्तर पर काम हो सकता है- पहले जिला स्तर पर 20 लाख रुपये तक, राज्य स्तर पर एक करोड़ रुपये तो वहीं इससे ज्यादा रकम के मामलों की शिकायत राष्ट्रीय स्तर पर सुनवाई की जा सकती थी. अब जिला आयोग का मूल आर्थिक क्षेत्र 1 करोड़ तक हो गया है, 10 करोड़ तक की धनराशि के मामले राज्य आयोग सुनेगा जबकि इससे ज्यादा मूल्यों के मामले की शिकायत राष्ट्रीय स्तर पर अपील कर सकते हैं. 
     
  8. कंपनियों के खिलाफ क्लास एक्शन सूट- अगर एक कंपनी के खिलाफ उसके उत्पाद की अलग-अलग मामले कई जगह हैं तो अब बड़ी-बड़ी कंपनियों को भारत में भी क्लास एक्शन सूट से डरना होगा. क्लास सूट के अंतर्गत एक जैसे मामलों का सामना कर रहे निवेशकों को एक साथ आने और एक मुकदमे में शामिल होने का मौका दिया जाता है. 
     
  9. मीडिएटर बनेगा विभाग- ग्राहक मध्यस्थता सेल का गठन किया गया है, अब दोनों पक्ष आपसी सहमति से मध्यस्थता का विकल्प चुन सकते हैं. 
     
  10. उपभोक्ता आयोग- कंज्यूमर फोरम को और सुदृढ़ बनाने के साथ ही इसे कंस्यूमर कमीशन कर दिया गया है. 

 
ग्राहक पहले से और ताकतवर हुआ

ASCI consumer consumer protection ग्राहक की सुरक्षा ग्राहक के अधिकार