डीएनए हिंदी: त्योहारी सीजन में दिल्ली का हाल बेहाल हो गया है. दिल्ली की हवा सांस लेने लायक नहीं रह गई है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स अब 302 पर पहुंच गया है. दिल्ली का औसत AQI, 200 से 300 के बीच रह रहा है. राजधानी की वायु गुणवत्ता हर दिन खराब होती जा रही है. पराली और दिवाली से पहले ही दिल्ली का ऐसा हाल है तो दिवाली के बाद स्थितियां और खराब होंगी.
रविवार सुबह दिल्ली का AQI 266 था. यह खराब श्रेणी में आती है. शनिवार को यह आकंड़ा 173 था. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकॉस्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के मुताबिक दोपहर में दिल्ली की AQI 330 पर पहुंच गई थी. दिल्ली में अगर ऐसे ही हालत रहे लॉकडाउन जैसी स्थिति बन पड़ेगी.
दिल्ली में ग्रैप-2 प्लान लागू
वायु गुणवत्ता आयोग ने दिल्ली की आबोहवा और खराब होने की आशंका जताई है. दिल्ली-एनसीआर के प्रधिकारियों को प्राइवेट गाड़ियों के इस्तेमाल की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है. पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी, इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो सेवाओं को बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं.
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ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत ये आदेश जारी किए गए हैं. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने कहा है कि दिल्ली में 23 और 24 अक्टूबर को गुणवत्ता गिरकर बहुत खराब स्थिति में चली जाएगी.
अगर आई ग्रैप-3 और 4 की नौबत तो लगेगा लॉकडाउन!
अगर प्रदूषण का स्तर बढ़ा तो कई नए प्रतिबंध लागू किए जा सकते हैं. दिल्ली-एनसीआर में अगर प्रदूषण स्टेज-3 तक पहुंचा तो BS-III और BS-IV गाड़ियों पर प्रतिबंध लग सकता है. यह तभी लागू होगा जब AQI 'गंभीर' श्रेणी तक पहुंच जाएगा.
GRAP के तहत BS-VI और इमरजेंसी सेवाओं वाली गाड़ियों को छोड़कर दूसरी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया जाता है. इस श्रेणी के तहत, दिल्ली में रजिस्टर्ड, डीजल से चलने वाले मध्यम और भारी माल वाहनों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लागू किया जाएगा. इसमें छूट सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं वाले वाहनों को दी जाएगी.
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ग्रैप के तहत कुछ जगहों पर कंस्ट्रक्शन वर्क पर रोक लगाई जा सकती है. रेलवे, नेशनल सिक्योरिटी प्रोजेक्ट, अस्पताल, मेट्रो, हाईवे और सड़कों को छोड़कर दूसरे प्रोजेक्ट रोके जा सकते हैं. जैसे ही AQI गंभीर स्तर पर पहुंचेगा, ये प्रतिबंध लागू हो जाएंगे. अगर स्थितियां से गंभीर से अति गंभीर श्रेणी में पहुंची तो हाईवे, रोड कंस्ट्रक्शन, फ्लाईओवर और पाइपलाइन वर्क को भी रोक दिया जाएगा.
स्कूल भी हो सकते हैं बंद
GRAP के तहत प्रदूषण की स्थिति अति गंभीर होने पर कुछ सुरक्षात्मक उपाय अपनाए जा सकते हैं. जैसे स्कूलों को बंद किया जा सकता है. गाड़ियों का ऑड-ईवन फॉर्मूला लौट सकता है. प्राइवेट और सरकारी कार्यालयों में 50 फीसदी क्षमता के साथ काम करने की इजाजत दी जा सकती है. कुछ संस्थानों को वर्क फ्रॉम होम मोड में डाला जा सकता है.
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