ज़मीन घोटाले में कैसे आया Sanjay Raut के परिवार का नाम, क्यों कुर्क हुई संपत्ति?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 06, 2022, 12:03 PM IST

शिवसेना नेता संजय राउत (फाइल फोटो-PTI)

ED ने मुंबई भूमि घोटाले में संजय राउत के परिवार की करीब 11 करोड़ रुपये संपत्ति कुर्क की है. संजय राउत की पत्नी का भी नाम इसमें शामिल है.

डीएनए हिंदी: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई (Mumbai) के गोरेगांव (Goregaon) में एक चॉल रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में अनियमितता की शिकायतों के बाद बड़ा एक्शन लिया है. एक केस में शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) की पत्नी वर्षा राउत (Varsha Raut) समेत 3 लोगों की 11.15 करोड़ रुपये की संपत्ति को ईडी ने अस्थायी तौर कुर्क किया है.

मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) केस में परिवार का नाम आने पर संजय राउत ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ यह कार्रवाई प्रतिशोध के तहत की गई है और उनके खिलाफ ईडी के दावे विफल हो जाएंगे. संजय राउत पहले भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते रहे हैं. 

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क्यों ED ने की है कार्रवाई?

ED के मुताबिक कुर्क की गई संपत्तियां पालघर और ठाणे में हैं. तीनों ज़मीनों को अटैच किया गया है. तीनों संपत्तियों पर गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक प्रवीण एम राउत का कब्जा है. मुंबई के दादर में संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत का एक फ्लैट है और अलीबाग के किहिम बीच पर 8 प्लाट हैं जो वर्षा राउत और स्वप्ना पाटकर की संयुक्त मिल्कियत है. स्वप्ना पाटकर सुजीत पाटकर की पत्नी हैं. 

ED के मुताबिक सुजीत पाटकर (Sujit Patkar) शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत के करीबी सहयोगी हैं. ईडी जांच में यह बात सामने आई है कि अलीबाग में भूमि सौदे में, रजिस्टर्ड प्राइस के अलावा, विक्रेताओं को नकद भुगतान भी किया गया था. इसमें कहा गया है कि कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 11,15,56,573 रुपये है. 

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ED की कार्रवाई मुंबई की चॉल के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं और इसी तरह के अन्य घटनाओं से संबंधित है. शरद पवार (Sharad Pawar) के नेतृत्व वाली नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के कई नेताओं को भी केंद्रीय एजेंसी की जांच का सामना करना पड़ रहा है. महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की सरकार है जिसमें शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शामिल है. 

क्या है मनी लॉन्ड्रिंग का पूरा केस?

प्रवीण राउत को ईडी ने फरवरी में मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा 'चॉल' के रिडेवलपमेंट से संबंधित 1,034 करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत गिरफ्तार किया था. वह इस समय न्यायिक हिरासत में है. ईडी ने पहले बताया था कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड इस चॉल के पुनर्विकास में शामिल था, जिसमें महाराष्ट्र आवास क्षेत्र विकास प्राधिकरण से संबंधित 47 एकड़ भूमि पर बने घरों में 672 किरायेदार थे.

 गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIAL) की सहायक कंपनी है. एचडीआईएल पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक में लगभग 4,300 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के संबंध में ईडी और कुछ अन्य एजेंसियों की जांच का सामना कर रही है. 

ED के मुताबिक कंपनी ने चॉल पुनर्विकास के लिए किरायेदारों और म्हाडा के साथ तीन स्तरों में समझौता किया था. ईडी ने कहा कि समझौते के मुताबिक डेवलपर को 672 किरायेदारों को फ्लैट देने थे और म्हाडा के लिए फ्लैट विकसित करने थे. उसके बाद बचे क्षेत्र को डेवलपर बेचने वाला था. 

ईडी के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के निदेशकों ने महाराष्ट्र आवास क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) को गुमराह किया और 9 डेवलपर्स को फ्लोर स्पेस इंडेक्स (FSI) बेच दिया और 901.79 करोड़ रुपये हासिल किए. 672 विस्थापित किराएदारों और म्हाडा के लिए फ्लैट नहीं बनाए. 

क्यों आया संजय राउत परिवार का नाम?

ED का आरोप है कि 2010 के दौरान, संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को अपराध से हासिल पैसे में से 83 लाख रुपये प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी राउत से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मिले. ईडी ने आरोप लगाया कि इस राशि का इस्तेमाल वर्षा राउत ने दादर में फ्लैट खरीदने के लिए किया. उसने यह भी बताया कि ईडी की जांच शुरू होने के बाद वर्षा राउत ने 55 लाख रुपये की राशि माधुरी राउत को वापस कर दी थी. कई अन्य लेनदेन भी हुए हैं. 

ईडी ने पिछले साल संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत से पीएमसी बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़े धन शोधन के एक अन्य मामले और प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी के साथ उनके कथित संबंधों को लोकर पूछताछ की थी. जांच में पाया गया कि वर्षा संजय राउत और माधुरी राउत अवनी कंस्ट्रक्शन में साझेदार हैं.

लगातार एक्शनों पर क्या बोले संजय राउत?

संजय राउत ने मंगलवार को उनकी संपत्ति कुर्क करने की ED की कार्रवाई को 'मध्यम वर्गीय मराठी मानुष' पर हमला करार दिया और कहा कि वह इस तरह के कदमों से नहीं डरेंगे तथा उन पर दबाव बनाने के लिए की गई किसी भी कार्रवाई का विरोध करेंगे. समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक संजय राउत ने बताया कि ईडी की कार्रवाई ऐसे दिन हुई जब मुंबई पुलिस ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ जबरन वसूली के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया.  (भाषा इनपुट के साथ)

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