Sri Lanka और पाकिस्तान की बदहाली के पीछे विदेशी ताकतें कितनी जिम्मेदार?

अभिषेक शुक्ल | Updated:Apr 06, 2022, 07:50 AM IST

श्रीलंका में आई आर्थिक बदहाली, जिम्मेदार कौन?

पाकिस्तान और श्रीलंका की बदहाली के पीछे चीन और अमेरिका को जिम्मेदार माना जा रहा है.

डीएनए हिंदी: कमजोर देशों की बागडोर ताकवर देशों के हाथ में होती है. विदेशी ताकतें छोटे देशों को अपने इशारे पर नचा सकती हैं, वहां त्रासदी भी ला सकती हैं. श्रीलंका (Sri Lanka) और पाकिस्तान (Pakistan) की हालत देखकर यह साफ लग रहा है कि वहां आई अस्थिरता की एक बड़ी वजह विदेशी ताकतें हैं.

वैश्विक राजनीति में 'विदेशी प्रभाव' या 'बाहरी प्रभाव' शब्द अक्सर सुने जाते हैं. जब भी कोई देश संकट में होता है तो सत्तारूढ़ सरकार की ओर से कहा जाता है कि आंतरिक अस्थिरता की वजह विदेशी ताकतें हैं. अहम सवाल यह है कि किसी देश की बदहाली के पीछे विदेशी ताकतें कितनी जिम्मेदार होती हैं. जवाब यह है कि हमेशा से पूरी दुनिया की कमान कुछ देशों के पास रही है जो अपने इशारे पर किसी भी देश की अर्थव्यवस्था तबाह कर सकते हैं.

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श्रीलंका का हाल, क्यों है बदहाल?

श्रीलंका अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. श्रीलंका में गंभीर आर्थिक अस्थिरता पैदा हो गई है जो कई आने वाले दिनों में भी खत्म होती नजर नहीं आ रही है. वैश्विक गलियारे में यह भी चर्चा है कि श्रीलंका की बदहाली खुद वहां की सरकार ने चुनी है. देश की सत्तारूढ़ राजपक्षे सरकार (Rajapaksas) ने हमेशा भारत से दूरी बनाई और खुद को चीन का करीबी साबित किया. दुनिया में यह संदेश गया कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था ही चीन संभाल रहा है. 

सही अर्थों में चीन कभी किसी देश की मदद नहीं करता. चीन की कम्युनिस्ट सरकार हमेशा अपने हित देखती है. राजपक्षे सरकार भी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इशारे पर चलती थी. भारत के विरोध में भी जाकर श्रीलंका ने कई बार काम किया है. श्रीलंकाई सरकार चीनी फर्मों का धड़ल्ले से स्वागत करती थी. 

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श्रीलंका के आम चुनावों में भी चीन ने फंडिंग की थी. यह फंडिंग राजपक्षे परिवार के लिए की गई थी. स्थितियां एक सी नहीं रहीं. श्रलंकाई सरकार ने कुछ फर्मों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जिसके बाद चीन नाराज हो गया. तभी से ही श्रीलंका की अर्थव्यवस्था अस्थिरता की ओर बढ़ने लगी. 

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नतीजा यह निकला कि श्रीलंका में ऐसी आर्थिक बदहाली आई जिससे अब वह उबर नहीं सकता है. भारत मददगार बनकर खड़ा हो गया है. जरूरी सेवाओं की सप्लाई कर रहा है लेकिन तब भी आर्थिक अस्थिरता इतनी जल्दी खत्म होती नजर नहीं आ रही है. पूरा देश आर्थिक तौर पर कंगाल हो गया है.

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विपक्षी दल दावा कर रहे हैं कि श्रीलंका में राजपक्षे की सरकार अल्पमत में है. ऐसा हो सकता है कि इन पार्टियों का चीनी फर्म समर्थन कर रहे हैं, जिससे बाद में वे अपने हित साध सकें. श्रीलंका में गहराते आर्थिक संकट की वजह भी चीन का करीबी देश बनना है.

पाकिस्तान का हाल क्यों बदहाल?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने हाल ही में रूस (Russia) का दौरा किया जिससे अमेरिका नाराज हो गया. अमेरिका ने कुछ ही समय में पीएम इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार को गिरा दिया. दावा किया जा रहा है कि अमेरिका, पाकिस्तान की पूरी संसद को खरीद सकता है. वजह यह है कि अमेरिका पाकिस्तान में ऐसी सरकार चाहता है जो उसके एजेंडे पर चल सके. 

अब विपक्षी दल और सेना अमेरिका के एजेंडे पर चलते नजर आ रहे हैं. इमरान खान के सत्ता से बाहर जाने की एक बड़ी वजह यह भी है. वैश्विक राजनीति में इस बात की जोर-शोर से चर्चा हो रही है कि अमेरिका ने ही पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता एक बार फिर पैदा की है. अब पाकिस्तान में एक बार फिर आम चुनाव होंगे जिसमें ऐसा हो सकता है कि इमरान खान दोबारा कभी चुनकर न आएं. ऐसे में यह साफ है कि दोनों देशों में आई अस्थिरता की एक बड़ी वजह विदेशी ताकतों का हस्तक्षेप भी है.

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