Longest Expressway in Uttar Pradesh: पिछले एक दशक में तेजी से फैले एक्सप्रेसवे के जाल ने उत्तर प्रदेश के एक छोर को दूसरे छोर के बेहद करीब ला दिया है. इस कड़ी में अब एक और एक्सप्रेसवे जुड़ने वाला है, जो प्रदेश के लिए सबसे खास है. दरअसल हम बात कर रहे हैं मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे (Meerut Prayagraj Ganga Expressway) की, जो उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा और जिस पर कार ही नहीं बल्कि हवाई जहाज भी दौड़ पाएंगे. प्रदेश के 12 जिलों के बीच 'एक्सप्रेस कनेक्टिविटी' लाने वाला यह 594 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे अब पूरा होने के करीब है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट इस साल दिसंबर में पूरा होने की संभावना है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश सरकार की कोशिश है कि अगले साल प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ से ठीक पहले 31 दिसंबर को इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाए.
महज 6 घंटे में पहुंचेंगे मेरठ से प्रयागराज
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच की दूरी बेहद कम हो जाएगी. इससे मेरठ (Meerut) से प्रयागराज (Prayagraj) का सफर महज 6 घंटे में पूरा हो जाएगा, जो अब कम से कम 12 घंटे में पूरा होता है. इस दौरान यह एक्सप्रेसवे 12 जिलों मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज के 518 गांवों से होकर गुजरेगा.
देश का तीसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे, जिस पर होगी हवाई पट्टी
गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ में बुलंदशहर नेशनल हाईवे पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में एनएच-19 पर जुदापुर दादू गांव में खत्म होगा. करीब 594 किलोमीटर लंबे सफर के साथ यह देश का तीसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा. साथ ही इस एक्सप्रेसवे के पूरा होते ही यूपी के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे का तमगा भी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से इसके नाम ट्रांसफर हो जाएगा. इसे एक्सप्रेसवे पर शाहजहांपुर के जलालाबाद के पास 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी बनाई गई है, जिस पर बड़े विमान भी लैंड कर सकते हैं.
एक नजर में गंगा एक्सप्रेसवे
- गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) कर रहा है
- 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण पर करीब 36,230 करोड़ रुपये की लागत आई है.
- गंगा एक्सप्रेसवे के लिए 518 गांवों की करीब 7453 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है.
- गंगा एक्सप्रेसवे पर 7 रेलवे ओवरब्रिज समेत 14 बड़े ब्रिज और 32 फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं.
- हापुड़ से बदायूं के बीच गंगा नदी को यह एक्सप्रेसवे करीब 960 मीटर लंबे पुल पर दौड़ेगा.
- बदायूं से हरदोई के बीच रामगंगा नदी पर इस एक्सप्रेसवे पर 720 मीटर लंबा पुल बनाया गया है.
- गंगा एक्सप्रेसवे पर 594 किलोमीटर लंबे सफर में 9 जनसुविधा परिसर दोनों तरफ बनाए जा रहे हैं.
- एक्सप्रेसवे के मेन टोल प्लाजा मेरठ और प्रयागराज में होंगे, जबकि बीच में 15 जगह इससे नीचे उतरने के लिए रैंप टोल प्लाजा बने हैं.
हाई कोर्ट आ जाएगा पश्चिम के थोड़ा करीब
पश्चिमी उत्तर प्रदेश लंबे समय से प्रयागराज स्थित इलाहाबाद हाई कोर्ट (allahabad high court) की एक बेंच मेरठ में स्थापित करने की मांग कर रहा है. इसके पीछे प्रयागराज की पश्चिमी यूपी से बहुत ज्यादा दूरी के कारण मुकदमों की पैरवी में होने वाली परेशानी बताया जाता है. प्रयागराज के वकील पश्चिमी यूपी की इस मांग का विरोध करते हैं, क्योंकि हाई कोर्ट में मुकदमों की ज्यादातर भरमार पश्चिम से ही है. पूर्वी और पश्चिमी यूपी के बीच का यह झगड़ा वोट की राजनीति के कारण कोई भी सरकार सुलझा नहीं सकी है, लेकिन एक्सप्रेसवे बनने से पश्चिमी यूपी के लाखों पैरोकारों को राहत जरूर मिलेगी. इससे पश्चिमी यूपी से प्रयागराज का सफर कम हो जाएगा, जिससे मुकदमों की पैरवी करने के लिए वहां जाना आसान हो जाएगा.
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