नूंह से लेकर गुरुग्राम तक कैसे फैली सांप्रदायिक हिंसा, क्यों सुलग रहा हरियाणा, अब कैसे हैं हालात?
नूंह और गुरुग्राम में बड़ी संख्या में हिंसा के बाद पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
हरियाणा में सांप्रदायिक हिंसा अपने चरम पर है. नूंह और गुरुग्राम में आक्रोशित भीड़ ने शहर की दुकानों और ढाबों पर हमला बोल दिया है. आइए जानते हैं इस विवाद के बारे में सबकुछ.
डीएनए हिंदी: हरियाणा सुलग रहा है. बादशाहपुर, सोहना, नूंह और गुरुग्राम में हुई सांप्रदायिक झड़पों से लोग दहशत में हैं. गुरुग्राम के सेक्टर 57 में एक हत्या और मस्जिद को जलाने की कोशिश के बाद से ही शहर में हंगामा बरपा है. हिंसक भीड़ ने मंगलवार दोपहर को गुरुग्राम के कई हिस्सों की सड़कों पर घूमकर बादशाहपुर, पटौदी चौक और सेक्टर 67 में स्थित दुकानों में तोड़फोड़ की है. भीड़ के सामने होटल से लेकर रेस्तरां तक, जो भी आया, सब पर लोगों ने धावा बोला.
हिंसा प्रभावित इलाके, गुरुग्राम के हाई टेक हिस्से से दूर हैं. गुरुग्राम के कॉमर्शियल सेंटर से काफी दूर, कुछ इलाके अब भी बुरी तरह से जल रहे हैं. स्कूल और बाजार सुरक्षा के मद्देनजर बंद करा दिए गए हैं. कई जगहों पर धारा 144 लागू है. हरियाणा के नूंह में सोमवार दोपहर जिले से गुजर रहे हिंदू समूहों के नेतृत्व में एक जुलूस पर हमला होने के बाद झड़पें हुईं.
भीड़ के हमले में कम से कम 2 होम गार्ड मारे गए हैं, वहीं कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. आम जनता पर भी भीड़ का गुस्सा फूटा है. हरियाणा सरकार ने नूंह और गुरुग्राम में CrPC की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है. गुरुग्राम की यह हिंसा पड़ोसी इलाके सोहना तक फैल गई है. सोमवार से लेकर अब तक, यह विवाद पूरे राज्य को अपनी जद में लेता नजर आ रहा है.
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि सोमवार आधी रात के तुरंत बाद, करीब 45 लोगों की भीड़ ने सेक्टर 57 में अंजुमन जामा मस्जिद में तोड़फोड़ की और आग लगा दी. इस घटना में डिप्टी या नायब इमाम के रूप में पहचाने जाने वाले कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए.
घटना के बाद कैसा है हरियाणा का हाल?
मस्जिद में हुई हिंसक वारदात के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया है. सड़कें सुनसान हैं. सोमवार से अब तक, स्कूलों को बंद रखा गया है. लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. गुरुग्राम प्रशासन ने मंगलवार शाम को घोषणा की कि सोहना उपखंड में शैक्षणिक संस्थान बुधवार को बंद रहेंगे, लेकिन गुरुग्राम में स्कूल फिर से खुल सकते हैं. गुरुग्राम के लिए कोई विशेष बंद आदेश जारी नहीं किया गया था. मंगलवार को दोपहर करीब 3.30 बजे, एक बार फिर हिंसा भड़क उठी. हथियारबंद लोगों के समूहों ने सेक्टर 67 में दुकानों में तोड़फोड़ और आग लगा दी, उसके बाद बादशाहपुर में भी भीड़ ने हमला बोला.
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जानिए दंगों की आपबीती
हिंदुस्तान टाइम्स ने एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा है, 'बिरयानी की दुकान पर काम करने वाले आरिफ खान ने कहा कि वह तीन ग्राहकों को खाना परोस रहे थे, तभी भीड़ भोजनालय पर आ गई. उन्होंने सभी बर्तन फेंक दिए और लकड़ी के काउंटर और फर्नीचर को तोड़ दिया और धार्मिक नारे लगाए. उन्होंने ग्राहकों को दोबारा दुकान पर न आने की धमकी देते हुए धमकी भी दी.'
एक स्क्रैप व्यापारी करीम हुसैन ने कहा कि उनकी दुकान पर मोलोटोव कॉकटेल ले जा रहे लोगों के एक समूह ने हमला किया, जिसे उन्होंने अंदर फेंक दिया. कुछ ही मिनटों में आग पूरी दुकान में फैल गई और वह जलकर खाक हो गई.
सेक्टर 29 में तैनात फायरमैन सुधीर सिंह ने कहा कि चार दमकल गाड़ियों को काम पर लगाया गया. आग पर 30 मिनट में काबू पा लिया गया, जबकि कूलिंग ऑपरेशन लगभग दो घंटे तक जारी रहा. 16 दमकलकर्मियों की एक टीम कोशिश कर रही थी लेकिन तब तक सबकुछ राख हो चुका था.
मुस्लिम संगठनों ने की पुलिस कमिश्नर से मुलाकात
जमीयत-ए-उलेमा हिंद की 10 सदस्यीय समिति ने पुलिस कमिश्रर कला रामचंद्रन से मुलाकात की है. हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ती सलीम अहमद और पूर्व राज्यसभा सदस्य मोहम्मद अदीब ने बताया कि सेक्टर 57 मस्जिद में आग लगाने की घटना निंदनीय है.
मस्जिद पर हमला करने वालों ने वीडियो भी रिकॉर्ड किए थे. हिंसा भड़काने के लिए इसे सोशल मीडिया पर प्रसारित करने की तैयारी थी. हालांकि, पुलिस के पास वे वीडियो हैं, जिनमें संदिग्धों के चेहरे स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे. मोहम्मद अबीद ने सावाल किया है कि हत्या के संदिग्ध मोनू मानेसर को क्यों बचाया जा रहा है? वह वीडियो अपलोड कर रहा है और लोगों को भड़का रहा है लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर रही है.
मोनू मानेसर की वजह से सुलगा नूंह और गुरुग्राम?
मुस्लिम संगठन, इस हिंसा के लिए जिम्मेदार मोनू मानेसर को मार रहे हैं. मोनू खुद को गोरक्षक बताता है. फरवरी में दो पशु व्यापारियों की पीट-पीट कर हत्या करने में उसका नाम सामने आया था. वह तब से ही फरार है. मेवात क्षेत्र के लोग इस बात से परेशान थे कि पुलिस उसे ढूंढ नहीं पाई है. वह नूंह में हिंदू समूहों द्वारा निकाले जाने वाले वार्षिक जुलूस में मौजूद रहा. उसने वीडियो भी पोस्ट किया. इलाके के मुसलमानों ने कहा है कि इसे न तो पुलिस का डर है न तो सरकार का.
धारा 144 पर क्या कह रहे हैं पीड़ित दुकानदार?
कुछ दुकानदारों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है लेकिन जमीनी स्तरर हिंसा का डर अब भी सता रहा है. सुबह से, चार-पांच लोग मोटरसाइकिलों पर चक्कर लगा रहे थे. किसी को पकड़ा नहीं गया या पूछताछ नहीं की गई. उनकी मोटरसाइकिलों पर रजिस्ट्रेशन नंबर तक नहीं था. दुकानदारों का कहना है कि उनसे लूटपाट हुई है. दुकानदारों का कहना है कि उनकी दुकानों मेंतोड़फोड़ की गई है. पैसे लूट लिए गए हैं. बादशाहपुर में भोजनालय को तोड़ दिया गया और फिर आग लगा दी गई.
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रातभर में 3,000 पुलिसकर्मी देने लगे पहरा
शाम होते-होते गुरुग्राम पुलिस की टीमें हरकत में आ गईं. बादशाहपुर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अधिकारी सतीश देसवाल ने कहा कि बादशाहपुर क्षेत्र में 100 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर भर में 3,000 कर्मियों को तैनात किया गया था. हम अभी तक बादशाहपुर और सेक्टर 66 की घटनाओं में शामिल संदिग्धों की पहचान नहीं कर पाए हैं. हम फुटेज स्कैन कर रहे हैं और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.
अब गुरुग्राम में नहीं मिलेगा खुला पेट्रोल-डीजल
गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) निशांत कुमार यादव ने एक आदेश जारी किया जिसमें सभी फ्यूल स्टेशनों को आपातकालीन स्थितियों को छोड़कर खुला पेट्रोल और डीजल बेचने पर रोक लगा दी गई. आगजनी और तोड़फोड़ के अन्य मामलों के बारे में बात करते हुए, रामचंद्रन ने कहा कि पुलिस को शहर के कई हिस्सों से बर्बरता की शिकायतें मिली हैं, और सभी रिपोर्ट संकलित करने के बाद मामले दर्ज किए जाएंगे.
पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि सभी प्रमुख चौराहों और संवेदनशील इलाकों में पुलिस टीमें तैनात हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गुरुग्राम पुलिस की कड़ी नजर है. गाड़ियों की आवाजाही पर भी नजर रखी जा रही है.
चप्पे-चप्पे पर तैनात है पुलिस
सभी सीनियर पुलिस अधिकारियों को शहर भर में स्थिति पर नजर रखने और नजर रखने के लिए कहा गया है. सोशल मीडिया के जरिए फर्जी खबरों, अफवाहों या भड़काऊ भाषणों के प्रसार को रोकने के लिए मानेसर और पटौदी में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें. सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर भी जिला प्रशासन की नजर है. जिले में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.
इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के स्थानीय नेता कुलभूषण भारद्वाज ने कहा कि बुधवार सुबह मानेसर में एक महापंचायत होगी, जिसमें हिंदू समूह मुसलमानों के हथियार लाइसेंस रद्द करने की मांग करेंगे. निश्चित रूप से, सोमवार की हिंसा में इस्तेमाल की गई अधिकांश बंदूकें अवैध थीं.
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