डीएनए हिंदी: इस साल हमारा देश कुछ महीनों से निरंतर गर्मी का कहर झेल रहा है. गौर फरमाने की बात ये है कि कुछ जगहें ऐसी हैं जो एक-दूसरे से थोड़ी ही दूरी पर होती हैं लेकिन उनके तापमान में काफी अंतर होता है. वैज्ञानिक इस घटना को ऊष्मा-द्वीप प्रभाव यानी हीट आइलैंड इफेक्ट (Heat Island Effect) कहते हैं.
राजधानी दिल्ली के यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में शनिवार को तापमान 46.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो राजधानी में उस दिन सबसे ज्यादा था. वहीं, मयूर विहार, जो यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से सिर्फ 10 किमी से भी कम दूरी पर है, वहां पर तापमान शहर में सबसे कम 42.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक आर.के. जेनामानी ने इतनी कम दूरी पर ही तापमान में आने वाले इस अंतर को 'हीट आइलैंड इफेक्ट' का परिणाम बता रहे हैं.
क्या है Heat Island Effect?
अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के वेबसाइट के मुताबिक, ज्यादातर मानव निर्मित संरचनाओं वाले शहरी केंद्र अन्य बाहरी क्षेत्रों की तुलना में उच्च तापमान के 'द्वीप' बन जाते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इमारतें, सड़कें और अन्य बुनियादी ढाँचे प्रकृति से उपलब्ध कराई गई चीजों जैसे जल निकायों और हरे आवरणों के मुकाबले सूर्य की गर्मी को ज्यादा सोखते हैं और वापस उसे उत्सर्जित करते हैं. इसी प्रक्रिया को हीट आइलैंड इफेक्ट कहा जाता है.
मौसम विभाग के वैज्ञानिक जेनामनी ने कहा कि यह 'हीट आइलैंड इफेक्ट' शहरी क्षेत्रों में दिन के तापमान को 8 डिग्री तक बढ़ा देता है. नतीजतन, मुश्किल से 300 मीटर की दूरी वाली जगहों में भी तापमान में काफी फर्क देखने को मिलता है.
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जेनामनी ने यह भी बताया कि अगर आप लोधी गार्डन के बीच में थर्मामीटर लगाते हैं, तो आप देखेंगे कि यह आसपास के कुछ क्षेत्रों से 6-8 डिग्री तक कम है. उन्होंने बाद में इसका कारण बताया कि ऐसा लोधी गार्डन के चारों ओर लगे घने पेड़ पौधों के कारण होता है। ये पेड़ पौधे ज्यादातर गर्मी को सोख लेते है और वापस उत्सर्जित नहीं करते हैं.
दिल्ली का उदाहरण समझाता है इसका प्रभाव
यही वजह है कि मयूर विहार से 4 किमी से भी कम दूरी पर स्थित अक्षरधाम में काफी अधिक तापमान दर्ज किया जाता है, भले ही उसके पास में एक जल निकाय (यमुना) हो. जेनामनी ने कहा अक्षरधाम क्षेत्र में पेड़ कम हैं और यमुना नदी, जो एक किलोमीटर दूर है, वह भी हरे भरे पेड़ पौधों के बिना उच्च तापमान से राहत दिलाने में मदद नहीं करेगी.
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मयूर विहार में तापमान में कमी इस वजह से होती है, क्योंकि इसके आस-पास संजय झील है और वन क्षेत्र भी ज्यादा होने के कारण मयूर विहार का तापमान शहर के बाकी हिस्सों की तुलना में आमतौर पर कम होता है. संजय झील त्रिलोकपुरी में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा विकसित एक आर्टिफिशियल झील है, जो मयूर विहार फेज 2 से जुड़ती है.
122 साल में सबसे गर्म रहा मार्च
इस साल हमारा देश एक तीव्र और प्रारंभिक, हीटवेव के बीच में है। देश की प्रमुख मौसम एजेंसी आईएमडी के मुताबिक, इस साल का मार्च 122 साल में सबसे गर्म रहा है. देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में तापमान वर्तमान में 46 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ रहा है और देश में पहले ही चार हीटवेव देखी जा चुकी हैं, जिनमें से दो अकेले मार्च में हैं.
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