Heatwave in India and Pakistan: क्या इंसानों के जीवन के लिए खतरा बन रही हैं हीटवेव?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 03, 2022, 01:54 PM IST

गर्मी के चलते परेशान हैं भारत के लोग

भारत में हीटवेव के चलते कई राज्यों में बुरा हाल है. फसलों को नुकसान हो रहा है, तो स्कूल बंद करने पड़ रहे हैं. कई राज्यों में बिजली की भी कमी हो गई है.

डीएनए हिंदी: भारत और पाकिस्तान के कई हिस्सों में तापमान नए-नए रिकॉर्ड बना रहा है. हीटवेव (Heatwave) के चलते करोड़ों लोगों की जान पर आफत बन आई है. इन दोनों देशों के साथ-साथ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में गर्मी से बुरा हाल है. वैज्ञानिक और एक्सपर्ट इस तरह तापमान में हो रही बढ़ोतरी को बड़ा खतरा मान रहे हैं. कहा जा रहा है कि यह इंसान के जीवन और अस्तित्व की परीक्षा ले रहा है. आइए विस्तार से समझते हैं कि ये हीटवेव इंसानों के जीवन को किस कदर नुकसान पहुंचा सकती हैं...

पिछले महीने भारत की राजधानी दिल्ली में लगातार सात दिनों तक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर रहा. यह अप्रैल महीने के औसत तापमान से तीन डिग्री सेल्सियस ज्यादा था. कुछ राज्यों में गर्मी के चलते स्कूल बंद करने पड़े, फसलों को नुकसान पहुंचा और बिजली की सप्लाई पर असर पड़ा. इसके अलावा, सरकार की ओर से भी लोगों से अपील की गई कि बाहर कम निकलें और पानी खूब पिएं.

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भारत के मौसम विभाग के मुताबिक, अप्रैल महीने में, उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में अधिकतम औसत तापमान पिछले 122 सालों में सबसे ज्यादा था. उत्तर-पश्चिम का औसत तापमान 35.9 डिग्री सेल्सियस और मध्य भारत में 37.78 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. भारत के साथ-साथ पड़ोसी देश पाकिस्तान में बी हीटवेव का असर देखा जा रहा है. पाकिस्तान के दक्षिण में स्थित सिंध प्रांत के शहर जैकबाबाद और सिबी में अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 

अगले हफ्ते तापमान कम होने की उम्मीद
भारत के मौसम विभाग ने कहा है कि इस हफ्ते भारत में तापमान में थोड़ी कमी आने की उम्मीद है. साथ ही, यह भी अनुमान लगाया गया है कि तापमान में 3 से 4 डिग्री की गिरावट हो सकती है. हफ्ते के आखिर तक पाकिस्तान में भी औसत तापमान 40 डिग्री सेल्सियम के आसपास पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. 

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हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तरह की मौसम से जुड़ी समस्याएं आने वाले समय में और बढ़ेंगी. साथ ही, इस बात के भी संकेत दिए जा रहे हैं कि आने वाले समय में और लंबे समय की हीटवेव आएंगी. इससे इन दोनों देशों के करोड़ों लोग प्रभावित होंगे. इंटर गर्वनमेंट पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) के मुताबिक, जलवायु की समस्या से सबसे ज्यादा परेशान होने वाले देशों में भारत भी शामिल है. आईपीसीसी की सीनियर रिसर्चर डॉ. चांदनी सिंह कहती हैं कि हीटवेव अभूतपूर्व हैं. हमने हीटवेव के आने के समय, इसकी इंटेंसिटी और इसके समय में अंतर देखा है. जलवायु विशेषज्ञों ने इसी का अनुमान लगाया था. आने वाले समय में इसका लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा.  

फसलों को हो रहा भारी नुकसान
भारत में हीटवेव अक्सर मई और जून में आती हैं, लेकिन इस साल मार्च और अप्रैल में ही शुरुआत हो गई. इस वजह से सबसे ज्यादा गेहूं उगाने वाले राज्यों में से एक पंजाब में गेहूं और बाकी की फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है. पंजाब में कृषि निदेशक गुरविंदर सिंह कहते हैं कि अप्रैल में तापमान में 7 डिग्री की औसत बढ़ोतरी होने की वजह से गेहूं की फसल प्रभावित हुई है. हीटवेव की वजह से प्रति हेक्टेयर 5 क्विंटल तक कम पैदावार हुई है.

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चांदनी सिंह कहती हैं कि बाहर काम करने वाले लोगों खासकर किसानों, मजदूरों और अन्य कामगारों को इससे सबसे ज्यादा समस्या होगी. उनके पास दूसरी विकल्प नहीं है और वे गर्मी से दूर रह भी नहीं सकते. 

स्कूल हुए बंद, बिजली का संकट
देश के कई हिस्सों में बिजली की मांग बढ़ी और कोयले की सप्लाई घटी गई. इस वजह से कई जगहों पर 8-9 घंटे तक पावर कट झेलना पड़ा. पिछले हफ्ते दिल्ली के पांच पावर प्लांट में से तीन में कोयले का स्टॉक बेहद कम हो गया. इसके अलावा, देश में लगभग 650 ट्रेनें पूरे महीने के लिए कैंसल कर दी गईं. जिससे मालगाड़ियों की संख्या बढ़ाई जा सके और कोयले का संकट दूर किया जा सके. आपको बता दें कि देश के अलग-अलग हिस्सों में बने पावर प्लांट तक कोयला पहुंचाने का काम भारतीय रेलवे ही करता है.

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पश्चिम बंगाल और ओडिशा समेत कई राज्यों में हीटवेव के चलते स्कूल बंद कर दिए गए. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि स्कूल जाने वाले कई बच्चों की नाक से खून आने लगा था, वे हीटवेव को झेल नहीं सकते. इसी वजह से स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया.

पिछले कुछ सालों में केंद्र और राज्य सरकारों ने गर्मी और हीटवेव के असर को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसमें स्कूल बंद करना और आम जनता के लिए हेल्थ अडवाइजरी जारी करना शामिल है. हालांकि, चांदनी सिंह का मानना है कि यह काफी नहीं है और हमें आने वाले समय में और हीटवेव के लिए तैयार रहना होगा. वह कहती हैं कि हमारी प्लानिंग में कमी है और हमारे पास कोई हीट ऐक्शन प्लान नहीं है. यह हीटवेव लोगों की सहने और जिंदा रहने की क्षमता की परीक्षा ले रही है.

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