डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र की राजनीति में शरद पवार ने एक बार फिर महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन को बड़ा झटका दिया है. शरद पवार के नेतृत्व वाली नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) को तोड़कर अजित पवार, एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजित पवार, अब सरकार में डिप्टी सीएम बन गए हैं.
वह अपने समर्थकों के साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना और भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में शामिल हो गए. उन्होंने दोपहर बाद उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इससे पहले अजित पवार ने आज सुबह तीन दर्जन से अधिक अपने समर्थक राकांपा विधायकों की बैठक बुलाई जिसमें राजनीतिक भविष्य की रूपरेखा पर चर्चा की गई.
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कैसे महाराष्ट्र में हुई इतनी बड़ी उलटफेर?
1. एकनाथ शिंदे, बीजेपी के समर्थन वाले बयान दे रहे थे. बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ उनकी नजदीकियां जगजाहिर हैं. पटना में हुई विपक्षी एकता की महाबैठक से वह नाराज थे. कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि वह शरद पवार और सुप्रिया सुले बैठक में शामिल होने से नाराज थे.
2. अजित पवार, चाहते थे कि एनसीपी की कमान उन्हें ही मिले. शरद पवार के होते यह मुमकिन नहीं था कि पार्टी की बागडोर उन्हें मिले. शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले, राजनीति में हैं. वह बेटी के रहते भतीजे को पार्टी की कमान सौंपते नजर आ नहीं आ रहे थे. अजित पवार की बगावत की एक वजह यह भी है.
3. अजित पवार, अध्यक्ष का खुद को प्रबल दावेदार मानते हैं. अलग बात है उनके पास समर्थन नहीं था. उनके समर्थक विधायकों ने भी कहा कि वह अलग पार्टी बनाएं और सत्ता में वापसी करें.
4. अजित पवार का दावा है कि उनके पास कम से कम 40 विधायकों का समर्थन मिला है. ऐसे में उनके पास मजबूत समर्थन है. वह सत्ता में आने का खोखला दावा नहीं कर रहे हैं. उनके समर्थक विधायकों ने जी उनके आवास पर हुए बैठक में यह फैसला लिया है.
5. बैठक के तुरंत बाद, पवार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को समर्थन पत्र सौंपने के लिए राज्यपाल रमेश बैस से मिलने के लिए राजभवन पहुंचे और कुछ ही देर बाद उन्होंने मौजूदा विधानसभा के कार्यकाल में तीसरी बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ एनसीपी विधायक छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, अनिल पाटिल, हसन मुश्रिफ और बाबूराव अत ने भी मंत्रिपद की शपथ ली है.
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