डीएनए हिंदी: रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukirane) की जंग की शुरुआत के 54 दिन बीत गए हैं लेकिन युद्ध खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. हर दिन युद्ध की स्थितियां भयावह होती जा रही हैं. ऐसा लग रहा है कि तीसरा विश्व युद्ध की शुरुआत हो चुकी है. यूक्रेन ने दावा किया है कि सेना ने 2 नेप्च्यून मिसाइलों (Neptune Missile) के जरिए ब्लैक सी (Black Sea) में तैनात रूस के सबसे बड़े युद्ध पोत (War Ship) को तबाह कर दिया है.
दुनियाभर में इस बात की चिंता है क्या रूस-यूक्रेन का सैन्य संघर्ष तीसरे विश्व युद्ध में बदल गया है. यह इसलिए कहा जा रहा है कि एक तरफ अकेला रूस है तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका, नाटो देश और यूरोप की महाशक्तियों ने यूक्रेन का साथ देने के लिए हाथ मिला लिया है.
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रूस ने भले ही न माना हो कि उसका युद्ध पोत यूक्रेन ने तबाह किया है लेकिन सच्चाई यही है. ब्लैक सी में रूसी जंगी जहाज पर हुआ हमला आसान नहीं है. रूस ने कहा था कि युद्ध पोत में तैनात सभी 500 नौसैनिक और अधिकारी सुरक्षित हैं. वहीं यूक्रेन के दावे इससे अलग हैं.
विश्व युद्ध की हो गई है शुरुआत!
जंगी जहाजों का डूबना, यूक्रेन के शहरों का तबाह होना फिर रूस का अप्रत्याशित रूस से यूक्रेन पर मिसाइल अटैक करना यह साबित कर रहा है कि युद्ध में वैश्विक ताकतें दखल दे रही हैं. रूस के युद्ध पोत का तबाह होना क्यों यूक्रेन युद्ध में अहम मोड़ है यह जानना जरूरी है.
वैश्विक इतिहास में ऐसे बेहद कम मौके आए हैं किसी जंग में किसी दुश्मन देश ने अपने विरोधी की जंगी जहाज ही डुबो दी हो. विश्व इतिहास में 40 साल बाद ऐसा हुआ है जब किसी देश के युद्ध पोत को एक युद्ध के दौरान दुश्मन देश ने तबाह कर दिया है.
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आखिरी बार साल 1982 में ब्रिटेन और अर्जेंटीना के बीच चले युद्ध के दौरान ऐसी ही घटना हुई थी जब बाद में एंटी वॉर शिप मिसाइलों के साथ एक विशाल ब्रिटिश युद्ध पोत तबाह हो गया था. दोनों देशों के बीच युद्ध उतना ही भयानक था जितना कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा है.
वैश्विक ताकतों की वजह से थमने लगा है रूस का सैन्य अभियान
अगर यूक्रेन का दावा सच है तो युद्ध पोत को हुआ नुकसान रूस के लिए मौद्रिक और रक्षा दोनों ही लिहाज से बहुत बड़ा झटका साबित होगा. यह रूसी युद्ध पोत जिसे यूक्रेन ने तबाह किया है उसकी कीमत लगभग 5 हजार 718 करोड़ रुपये थी. कीव का कहना है कि उसने 100 करोड़ की लागत वाली दो मिसाइलों के साथ युद्ध पोत को तबाह कर दिया था.
रूस को कितना हुआ है जंग में नुकसान?
रूस के 5,000 करोड़ से ज्यादा मूल्य के युद्ध पोतों को नष्ट करने में यूक्रेन को केवल 200 करोड़ खर्च करने पड़े. युद्ध जीतने की लालसा रखने वाला रूस बड़े झटके से जूझ रहा है. रूस की सैन्य योजनाएं भी इस जंगी जहाज के डूबने से प्रभावित हुई हैं. रूसी युद्ध पोत एंटी वॉर शिप, आधुनिक हथियार प्रणालियों, एंटी मोर्टार सिस्टम और टॉरपीडो ट्यूब्स से लैस था. यह एक अत्याधुनिक वॉर शिप था जिससे दुश्मन देश कांपते थे.
किन देशों के पास हैं ऐसे खतरनाक युद्ध पोत?
चीन समुद्र का बेताज बादशाह बनता चला जा रहा है. चीन के पास सबसे ज्यादा 777 युद्धपोत हैं. रूस के पास 605, अमेरिका के पास 484 और कोलंबिया और उत्तर कोरिया के पास 450 युद्ध पोत हैं.
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रूस इस युद्ध को क्यों बता रहा है World War 3?
रूस इस युद्ध को तीसरा विश्व युद्ध कह रहा है. यूक्रेन को वैश्विक ताकतें प्रत्यक्ष सैन्य सहायता दे रही हैं. ऐसा लग रहा है कि युद्ध के एक अप्रत्यक्ष पक्ष दूसरे यूरोपीय देश बन गए हैं. अब तक यूरोपियन यूनियन के 27 देशों ने यूक्रेन को 12 हजार 355 करोड़ रुपये की सैन्य सहायता दी है. अमेरिका फरवरी की शुरुआत से ही यूक्रेन को 19 हजार करोड़ रुपये की सैन्य मदद दे रहा है.
नाटो (NATO) भी रूस के खिलाफ मिसाइल और अन्य खतरनाक हथियार मुहैया कराकर यूक्रेन की मदद के लिए आगे आया है. सभी देश, जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रूस के खिलाफ कार्रवाई की है, युद्ध के सक्रिय पक्ष बन गए हैं. यही कारण है कि रूस यूक्रेन के साथ युद्ध को 'विश्व युद्ध 3' कह रहा है.
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